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निराचार
निरीश्वरवाद निराचार-वि० सं०) श्राचार-रहित, अना- निराला-संज्ञा, पु. दे० (सं० निरालय)
चार, प्राचार-भ्रष्ट । वि. निराचारी । संज्ञा, एकांत घर या स्थान निर्जन, एकांत । (स्त्री० स्त्री० निराचारिता।
निराली) वि० (दे०) विलक्षण, सब से निराट ... वि० दे० (हि. निराल' ) एक मात्र, अलग या भिन्न, अजीब, अनोखा, अद्भुत,
निरा, निपट, बिलकुल, सब का सब। अनूठा, उत्तम, अपूर्व । निरातक- वि० (सं० ) निःशंक, निर्भय, निरावना-स० कि० दे० ( सं० निराना ) बेधाक, आतंक-राहत ।
निराना । संज्ञा, स्त्री० निरवाई। निरादर --- संज्ञा, पु० (सं०) अपमान बेइज्जती। निरावलंब-- वि० ( सं० ) बिना सहारे का, निराधार वि० सं०) बेसहारे, जो प्रमाणों निराश्रय ।
के द्वारा पुष्ट न हो सके, मिथ्या, अयुक्त । निराश-निरास(दे०)---वि० (सं० निराश) निगनंद---वि० (सं०) आनंद-रहित, दुखी। नाउम्मेद पाशा-हीन । संज्ञा, पु. ( सं०) निराना--स० क्रि० दे० ( सं० निराकरण ) नैराश्य, निराशा । निकाना, खेत से घासादि खोद कर हटाना, निराशा संज्ञा, स्त्री० (सं०) निरासा (दे०) निरावना (दे०)। प्रे०रूप-निरवाना। नाउम्मेद, हताश। "कृषी निरावहिं चतुर किसाना"-रामा० । निगशी-वि० (सं० निराशा ) हताश, संज्ञा, स्त्री. निराई, निरवाई।
विरक्त, उदासीन, नाउम्मेद, निगमी (दे०)। निरापद-वि० (सं० ) निर्विन, अनापद, निराश्रय - वि० (सं०) श्राश्रय - विहीन, बे
सुरक्षित, विपत्ति-रहित, निरापत्ति। सहारे, असहाय । विनिराश्रित । निरापन, निगपुन - वि० दे० (सं० निः | निराहार-वि० (सं०) भोजन-रहित, आहार+हि. अपना ) पराया, जो अपना या
रहित । निजी न हो।
निरिद्रिय-वि० (सं०) इन्द्रिय-रहित, बिना निरामय- वि० ( सं०) निरोग, तंदुरुस्त,
इन्द्रिय का। स्वस्थ, स्वास्थ्य युक्त। सर्वे संतु निरामयाः" निरिच्छना-~स० क्रि० दे० (सं० निरीक्षण )
देखना।
निरिच्छा--वि० (सं०) इच्छा-रहित । निरामिष---वि० (सं० ) जो माँस न खाता
निरीक्षक - संज्ञा, पु० (सं०) देखने वाला, हो, मांस-रहित, निरामख (दे०) । “होइ निरामिष कबहुँ कि कागा ''-रामा० ।।
देख रेख करने वाला । निरीच्छक (दे०)। निरायुध-वि० सं०) बिना अस्त्र के, खाली
| निरीक्षण – संज्ञा, पु० (सं०) देखरेख, निग
रानी, चितवन, देखना, निरीच्छन (दे०) । हाथ, निरन।
वि० निरीक्षित, निरीक्ष्य, निरीक्षणीय, निगर-निरारा-वि० दे० (हि. निराला)
निरीच्छन । जुदा. अलग, पृथक, निराला।
निरीक्षा-संज्ञा, स्त्री. (सं.) देखना, निरालंब-वि० (सं०) सहारा, या अवलंब से निरीच्छा (दे०)। रहित , निराधार, निराश्रय ।
निरीश्वरवाद-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) यह निरालय-वि० (सं०) मकान या धर-रहित, सिद्धान्त कि परमेश्वर कोई वस्तु नहीं है, निर्जन, एकांत, निराला।
ईश्वर की सत्ता के न मानने का सिद्धान्त । निरालस्य-वि० (सं०) चुस्त, फुर्तीला, निरीश्वरवादी-संज्ञा, पु. (सं०) परमेश्वर तत्पर, पालस-रहित, निरालस (दे०)। का न मानने वाला, नास्तिक ।
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