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नाम
नाम-धाम नाम भी न रहना-कोई भीचिह्ननरहना। किसी नाम से-किसी शब्द के द्वारा नाम जपना-बारम्बार नाम लेना, सहारे विख्यात होकर । किसी के नाम सेरहना। नाम-धरना-दोष लगाना, निंदा या चर्चा से, किसी से संबंध बता कर, यह बदनामी करना,ऐब बताना । नाम धराना कहना कि वह कार्य किसी की ओर से है,
-नाम-करण कराना, बदनामी कराना, किसी को हकदार या स्वामी बना कर, किसी निन्दा कराना । नाम न लेना-बचना, के भोग या उपयोग के लिये। नाम से दूर रहना, चर्चा भी न करना । नाम निकल कॉपना-नाम सुनते ही डर जाना या जाना-किसी बात के लिये विख्यात या भय मानना । नाम होना-दोष या बदनाम हो जाना । किसी के नाम पर- कलंक लगना, नाम प्रसिद्ध होना । किसी के हेतु या निमित्त । किसी के ख्याति, प्रसिद्धि, यश, कीर्ति । मुहा०नाम पड़ना-किसी के नाम के आगे नाम कमाना या करना-ख्याति या लिखा जाना, ज़िम्मेदार रखा जाना । प्रसिद्धि प्राप्त करना, विख्यात या मशहूर किसी के नाम पर मरना या मिटना- होना । नाम को मर मिटना-सुकीर्ति किसी के प्रेम में लीन होना या खपना। या सुयश के हेतु निज को तबाह करना । नाम पर मरना-ख्याति या मर्यादा के नाम जगाना ( जगना)-निमल यश लिए मरना । किसी के नाम पर बैठना- फैलाना (रहना)। नाम डुबाना (डूबना) किसी के भरोसे पर संतोष कर बैठ रहना। --सुयश और सुकीर्ति नष्ट करना (होना)। किसी का नाम बद करना-कलंक | नाम पर धब्बालगाना-बदनामी करना, लगाना, बदनामी करना। नाम बाकी | यश में कलंक लगाना । नाम निकालना रहना-सदा यश रहना, केवल नाम ही --विख्यात होना, नेकनाम होना । नाम रह जाना, और कुछ भी नहीं। नाम पाना-प्रसिद्ध होना, कीर्ति पाना । नाम बिकना-नाम प्रसिद्ध या विख्यात होने रह जाना—यश या कीर्ति की चर्चा रह से मान-सम्मान होना । नाम मिटना | जाना। (मिटाना)-नाम या यश का मिट जाना, नामक-वि० (सं०) नाम वाला, नाम से सर्वथा विनष्ट, लुप्त या प्रभाव हो जाना। विख्यात या प्रसिद्ध । नाम मात्र-नाम भर को, थोड़ा, अल्प | नामकरण, नामकर्म-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) कोई नाम रखना-नाम निश्चित करना, बच्चे का नाम रखने का १६ संस्कारों में से नाम-करण करना । नाम लगाना-किसी एक । “नाम-करन कर अवसर जानी-मा०। दोष या अपराध के संबंध में नाम लेना, नामकीर्तन-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) नवधा दोष मदना, अपराध लगाना। किसी भक्ति का एक भेद, भगवान का नाम लेना। के नाम लिखना--किसी के नाम के आगे नामजद-वि० (फ़ा०) विख्यात, प्रसिद्ध, लिखना या टाँकना, किसी के जिम्मे लिखना। किसी का नाम किसी काम के लिये चुन किसी का नाम लेकर-नाम के प्रभाव या निश्चित कर लेना। से, नाम को याद करके । नाम लेना- नामदेव--संज्ञा, पु. ( सं०) मरहठी के एक नाम कहना, या जपना, गुण गाना, चर्चा | बिख्यात विष्णु-भक्त कवि । करना । नाम या निशान (नामो-निशां) नामधराई-संज्ञा, स्त्री० यौ० (हि० नाम+ -खोज, चिन्ह, पता । “ बाकी मगर है | धराना ) निंदा, अयश, अपकीर्ति । भब भी नामों-निशां हमारा"-इक० । नाम-धाम--संक्षा, पु. यौ० (हि. नाम+
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