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दो शब्द
हिन्दी के विकास और प्रसार के लिए शिक्षा मंत्रालय के तत्त्वावधान में पुस्तकों के प्रकाशन की विभिन्न योजनाएँ कार्यान्वित की जा रही हैं । हिन्दी में अभी तक ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में पर्याप्त साहित्य उपलब्ध नहीं है, इसलिए ऐसे साहित्य के प्रकाशन को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है । यह आवश्यक है कि ऐसी पुस्तकें उच्च कोटि की हों । इस उद्देश्य को सामने रखते हुए जो योजनाएँ बनाई गई हैं उनमें से एक योजना प्रकाशकों के सहयोग से पुस्तकें प्रकाशित करने की है । इस योजना के अधीन भारत सरकार प्रकाशकों को या तो वित्तीय सहायता प्रदान करती है अथवा निश्चित संख्या में प्रकाशित पुस्तकों की प्रतियाँ खरीदकर उन्हें मदद पहुँचाती है । प्रस्तुत पुस्तक इसी योजना के अन्तर्गत प्रकाशित की जा रही है ।
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प्रस्तुत पुस्तक प्रसिद्ध जर्मन भारती- विद् जार्ज ब्यूलर के Indische Palaeographie का हिंदी रूपांतर है । भारतीय पुरालिपि - शास्त्र के क्षेत्र में इस पुस्तक का बड़ा महत्त्व है । यह ग्रंथ विश्व विद्यालयों में पाठ्य-ग्रंथ के रूप में स्वीकृत है ।
इसका अनुवाद केंद्रीय हिंदी निदेशालय के तत्त्वावधान में सहायक निदेशक श्री मंगल नाथ सिंह ने और पुनरीक्षण उपनिदेशक श्री जीवन नायक ने किया है । अनुवादक को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में इस विषय के अध्यापन का पर्याप्त अनुभव है । इसमें शिक्षा मंत्रालय द्वारा स्वीकृत शब्दावली का उपयोग किया गया है ।
केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय शिक्षा मंत्रालय
हमें विश्वास है कि शासन और प्रकाशकों के सहयोग से प्रकाशित साहित्य हिन्दी को समृद्ध बनाने में सहायक सिद्ध होगा और साथ ही इसके द्वारा ज्ञानविज्ञान से सम्बन्धित अधिकाधिक पुस्तकें हिन्दी के पाठकों को उपलब्ध हो सकेंगी । आशा है, यह योजना सभी क्षेत्रों में लोकप्रिय होगी ।
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निदेशक