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[५६२]
चिकित्सा-पथ-प्रदर्शिनी
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शोथ
संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण १९३२ चिन्तामणिरसः क्षय,खांसी,अरुचि,ज्वर २७०९ त्रिकटादिलौहम् क्षय, खांसी, ज्वर, १९३९ चूडामणिरसः क्षयरोग २५५९ तरुणानन्दरसः ।। अत्युग्र राजयक्ष्मा,
| २७६५ त्रैलोक्य चिन्ता- क्षय, कास, तृषा, क्षय, उरःक्षत, खांसी, अरुचि, जीर्ण
मणि रसः शोथ, ज्वर, शोथ,अतिसार।
४२ वातरक्ताधिकारः कषायप्रकरणम्
१३५९ गुडूचीघृतम् वातरक्त ११६९ गुडूचीस्वरसादि वातरक्त
| १३६० , , ११७५ गुडूच्यादिक्काथः वातरक्त, खाज, कुष्ट । २०३९ जीवनीयघृतम् , २२६८ त्रिफलादिकल्कः शूलयुक्त वातरक्त
तैलपकरणम् चूर्णप्रकरणम्
| १३९३ गुडूचीतैलम् वातरक्तकी हर अव१२६८ गुडूचीलौहम् वातरक्त
स्थामें उपयोगी है। २३७० त्रिवृतादिचूर्णम् पित्तयुक्त वातरक्त
स्वेद, खुजली, पीड़ा १३९५ , ,
वातरक्त गुग्गुलुप्रकरणम् १३३० गुग्गुलुवटी भयङ्कर वातरक्त, पैर
लेपप्रकरणम् और समस्त अङ्गका १४४१ गृहधूमादिलेपः वातकफ प्रधान, फट जाना
वातरक्त २४२१ त्रिफलागुग्गुलुः । दुस्साध्य वातरक्त, १४५२ गौरसर्षपलेपः वातरक्तकी पीड़ा
कुष्ठ, व्रण (३ सप्ताहका प्रयोग है।)
- रसपकरणम् . २४२५ त्रिफलाधोगुग्गुलुः वातरक्त, कुष्ट, श्वित्र । २६४० तालकेश्वररसः वातरक्त
२६४१ घृतप्रकरणम्
२६४३ १३५६ गुडघृतम् वातरक्त, वीसर्प,
२६४५
२६४४
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कफरक्त
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