________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 794 कौमुद्युत्तरार्धगतसूत्रसूचिकाः। सूत्रम् पार्श्वम्। सूत्रम् पार्श्वम् 3351 यावति विन्दजीवोः(३-४-३०) 712 2644 रीगृदुपधस्य च (7 4-90) 346 2783 यावत्पुरा० (3-3-4) 457 , 2652 रुग्रिकौ च लुकि (7 491) 359 3943 यावद्यथाभ्याम् (8-1-36) 763 2609 रुदविदमुष० (1-2-8) 327 2209 यासुट परस्मैपदे०(३-४-१०३) 22 2475 रुदश्च पञ्चभ्यः (7-3-98) 209 2488 यीवर्णयोर्दी० (7-4-53) 217 / 2474 रुदादिभ्यः सार्व० (72-76) 209 3815 युक्तारोह्यादयश्च (6-2-81) 754 | 2543 रुधादिभ्यः श्नम् (3-1 78) 267 3800 युक्त च (6-2-66) 753 3069 रुष्यमत्वर० (7-2 28) 548 2873 युग्यं च पत्रे (3-1-121) 488 2599 रुहः पोऽन्यतर० (7 3.43) 321 3544 युप्लुबोर्दीर्घश्छन्दसि(६-४-५८)७३१ 3468 रेवतीजगती० (4-4-122) 726 3640 युष्मत्तत्ततक्षु० (8-3-103) 738 | 3285 रोगाख्यायां ण्वु० (3 3.108)691 3699 युष्मदस्मदोर्डसि (6-1-211) 742 2162 युष्मद्युपपदे समा०(१-४-१०५) 6 2152 लः कर्मणि च० (3-4.69) 3 2549 ये च (6-4-109) 274 2155 ल: परस्मैपदम् (1-4.99) 4 3607 ये यज्ञकर्मणि (8-2-88) 736 3103 लक्षणहेत्वोः० (3.2-126) 558 2319 ये विभाषा (6.4-43) 95 2969 लक्षणे जाया० (3 2-52) 519 2463 लङः शाकटायन०(३-४-१११)२०२ 3467 रक्षोयातूनां० (4-4-121) 726 3100 लटः शतृशान० (3-2-124) 557 2397 रञ्जेश्च (6-4-26) 160 2778 लट् स्मे (3.2.118) 456 3016 रदाभ्यां निष्ठातो० (8-2-42) 533 / 2582 लभेश्च (7.1.64) 315 2515 रधादिभ्यश्च (7-2 45) 243 | 3134 लषपतपदस्था० (3-2-154) 565 2302 रधिजभोरचि (7 1.61) 83 | 2153 लस्य (3-4.77) 4 2581 रभेरशब्लिटोः (7-1-63) 315 2211 लिङः सलोपोऽ० (72-79) 23 2617 रलो व्युपधाद्धला० (1.2.26) 330 2255 लिङः सीयुट् (3-4-102). 43 3228 रश्मौ च (3-3.53) 676 | 3424 लिङर्थे लेट् (3-4-7) 724 3005 राजनि युधिकृत्रः (3-2-95) 531 2215 लिङाशिषि (3.4-116) 26 3768 राजन्यबहुवचन० (6-2-34) 751 | 2815 लिङ् च (3.3 159) 467 2865 राजसूयसूर्य० (3.1-114) 486 2788 लिट् चोर्ध्व० (3.3.9) 458 3793 राजा च (6.2.59) 753 2818 लिङ् चोर्ध्वमौ० (3-3.169) 468 3797 राजा च प्रशं० (6.2.63) 753 2229 लिनिमित्ते० (3-3-139) 30 3445 रात्रेश्चाजसौ (4-1-31) 725 2821 लिङयदि (3-3-168) 469 2532 राधो हिंसायाम् (6-4 123) 253 3434 लिङयाशिष्यङ् (3-1.86) 725 2655 राल्लोपः (6-4.21) 366 / 2300 लिङ्सिचावात्मने०(१२.११) 81 3696 रिक्ते विभाषा (6-1-208) 742 2528 लिङ्सिचोरात्मने० (7.2.42) 252 2367 रिशयग्लिक्षु (7-4.28) 139 3094 लिटः कानज्वा (3.2.106) 555 2192 रि च (7-4-51) 16 2241 लिटस्तझयोरेशरेच् (3-4-81) 36 For Private And Personal Use Only