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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra वैदिक पुस्तकालय अजमेर की विक्रय पुस्तकों का सूचीपत्र बेचने के संक्षिप्त नियम ॥ ऋग्वेदभाष्य पहले मंडल से सातवें मंडल के पांचवे - ष्टक के पांचवें अध्याय से तीसरे वर्ग के दूसरे मंत्र तक कीमत कमीशन २०) सैकड़ा दिया जावेगा ( १ ) सब पुस्तकें रोक दाम पेशगी भेजने पर या वी. वी. द्वारा भेजी जायेंगी (२) मूलवेदों पर (जिल्द की कीमत व सुनहरी वेदों को छोड़) २ सेट पर २०) २१ पर २२) और १००) पर ३०) सैकड़ा और शेष सत्र पुस्तकों पर १०) रुपये वा इस से अधिक के पुस्तक मंगवानेवालों को २०) सैकड़े के हिसाब से कमीशन दिया जायगा अर्थात् ) में १०) की पुस्तके, १००) रोक भेजने पर १२२) की पुस्तकें भेजी जायेंगी (३) महसूल सब पुस्तकों का अलग लिया जावेगा ( ४ ) बिके हुए पुस्तक वापिस न लिये जावेगें ( ५ ) मूल्य आदि भेजने तथा बड़ा सूचीपत्र मंगवाने के लिये नीचे लिखे पते से पत्र व्यवहार करें || नोट फुटकर अंक नहीं बेचे जायेंगे ऋग्वेद का आगे का शेष www.kobatirth.org मूल भाग ऋग्वेदभाष्य का नमूना Re मूल्य. डा. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ?) ) | ) || मूल्य डा. १०) यजुर्वेदभाष्य सम्पूर्ण कमीशन २०) सैकड़े से दिया जावेगा नोट- फुटकर नहीं बेचे जावेंगे चारों मूलवेद: बढ़िया कागज पर स्वर्णाक्षरों में =) For Private and Personal Use Only बढ़िया कागज पर बिना जिल्द ५11) साधारण कागज पर बिना जिल्द ५) बढ़िया जिल्द के २) अलग चारों वेदों की अनुक्रमणिका शतपथ ब्राह्मण सम्पूर्ण ऋग्वेदादिभाष्य भूमिका १७ ) ) | 8) 1) ११) =)
SR No.020077
Book TitleAtharvaved Samhitaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaidik Yantralay
PublisherVaidik Yantralay
Publication Year1911
Total Pages116
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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