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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ६८ विषय. कफज नाड़ी शल्यजा नाड़ी छेदना योग्य नाड़ी का दारण नाड़ी का उपाय नाड़ी व्रण पर लेप नाड़ी व्रण पर कल्क गतिनाशक उपाय एक त्रिंशोऽध्यायः । अज गल्लिका के लक्षण यव प्रख्या कच्छपी पिटिका पनसिका के लक्षण पाषाण गर्दभ मुखदूषिका के लक्षण पद्म कंटका के लक्षण विवृता पिटिका मसूरिका के लक्षण विस्फोटा के लक्षण विद्धा के लक्षण गईभी पिटिका कक्षा पित्तज कक्षा गंधनामा पिटिका राजिका के लक्षण जालगर्दभ पिटिका अग्निरोहिणी के लक्षण इरि वेल्लिका विदारी पिटिका शर्कराबुर्द के लक्षण बल्मीक पिटिका कदर के लक्षण रूद्ध गुद के लक्षण अक्षत रोग के लक्षण कुनख के लक्षण अलस के लक्षण तिलकालक के लक्षण के लक्षण भाष www.kobatirth.org अष्टांगहृदयकी पृष्ठांक. | विषय ८९७ | चर्म कील के लक्षण जतु मणि के लक्षण लांछन के लक्षण " 75 " 33 33 "3 ८९८ " 13 33 अजगलिका का उपाय यव प्रख्या का उपाय पाषण गदर्भ का उपाय मुखदूषिका की चिकित्सा पद्मकंटक में उपाय 33 ८९९ विवृतादि की चिकित्सा to गर्दभ में कर्त्तव्य "" " "" 93 19 23 " " 33 19 ९०० 33 59 " 19 33 99 ९०१ "3 33 35 " "" प्रसुप्ति के लक्षण कोढ के लक्षण छत्तीस क्षुद्ररोग Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir द्वात्रिंशोऽध्यायः । व्यंग और नीलिका 39 बातादि दोष जन्य व्यंग के लक्षण ९०२ विदारिका की चिकित्सा शर्करार्बुद की चिकित्सा वल्मीक को असाध्यता अन्य वल्मीक रोग पर लेप पक्ववल्मीक का उपाय कदर का उत्कर्तनादि चिप्प की चिकित्सा दुष्टनख में कर्त्तव्य अललक की चिकित्सा तिलकालकादि की चिकित्सा चर्मकील और जतुमणि लांछनादि का उपाय व्यंगादि में लेपन व्यंगनाशक लेप अन्य लेप अन्य लेप सर्व कारकलेप For Private And Personal Use Only उवटना अभ्यंग अन्य अभ्यंग मीलिकादि नाशक नस्य पृष्ठांक ९०१ 33 39 "3 33 " 31 3" ९०३ 59 18 " 31 93 33 "" 33 ९०४ 646 19 " 39 " 33 11 33 }" 93 ९०५ ༀ རྨ ྐ རྒྱུ ༢༠ ९०६
SR No.020075
Book TitleAshtangat Rudaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVagbhatta
PublisherKishanlal Dwarkaprasad
Publication Year1867
Total Pages1091
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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