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अष्टांगहृदयकी
विषय. पृष्टांक. विषय,
पृष्टांक. अन्य विधि
८७६ अंसंधि भग्न में कर्तव्य रक्तपान विधि
भग्न के न पकने का उपाय कोष्ट भेदन में दो विधि
भग्न में स्नह प्रयोग भिन्न कोष्ठ में जीवन के लक्षण
भग्न में मात्रादि द्वारा उपचार अंत्र प्रवेश में मत
भग्न में निषिद्ध द्रव्य मंत्र के भीतर प्रवेश करने का विधि , बात पितज दोषों पर गंधतेल मंत्र व्रण सीवन
. अष्टाविंशोऽध्यायः । अन्य उपाय
भगंदर के लक्षण मेदोवर्ति के निकलने मे कर्त्तव्य ८७७ भगंदर की क्रिया घाव में रोपण तेल
भगंदर के भेद गूढ प्रहार में कर्तव्य
पिटिका और भगंदर का अन्तर तैल को द्रोर्णी में निवास
भगंदर जमक पिटका सप्तविंशोऽध्यायः ।
बातज पिटिका के लक्षण भंग के दो भेद
पित्तज पिटिकाके लक्षण ८७८
कफज पिटिकाके लक्षण दुःसाध्यभंग
बात पित्तज पिटिका अन्य बर्जित अस्थि
बात कफज पिटिका अन्य बर्जित अस्थिभंग
त्रिदोषज पिटिका दुास में वर्जन
उक्त पिटिकाओं में प्रमाद का फल अन्य दुःसाध्य भंग में चिकित्सा की गति
उष्टग्रीव भगंदर
परिस्राबी भगंदर मध्यम प्रकार के वंधन की रीति ,
परिक्षेपी भगदर शिथिल और गाढ बंधन
ऋजु संज्ञक भगंदर ऋतु विशेष में मोचन काल
अशा भगदर संधि पर परिषेक
शंकावर्त भगंदर चक तैल पर प्रयोग
उन्मार्गी भगदर शीतल परिषेक
भगंदर में वेदनादि गृष्टि क्षीर पान
भगंदर का साध्या साध्य विचार सत्रण भग्नकी चिकित्सा
पिटकाके न पकने का यत्न वण का संधान
| भगंदर का अवलोकन व्रण पर अवचूर्णन
अंतर मुखादि में उपाय साध्या साध्य घाव
शत पोनक भगंदर का यत्न संधिको स्थरता का काल
परिक्षेपी का उपाय कस्यादि भग्न में कर्तव्य ८८१
अर्शीभगंदर की चिकित्सा पट्टा खोलने की विधि ।
वहुछिद्र भंगदर विरविमुक्त संधि में स्नेहन
गोतीर्थादि के लक्षण
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