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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra विषय. दंतवाली का उपाय वातकंटक की चिकित्सा पित्त जिह्वा को उपाय कफज जिह्वा कंटक नवीन जिव्हाळसका उपाय अधि जिह्वा का उपाय उप जिल्हा का उपाय शुडिका का उपाय वृद्धगल शुंडिका का उपाय सम्यक छिन में कर्त्तव्य पाद का उपाय अपक्व तालु पाक की चिकित्सा पक्व तालु पाक का उपाय तालु शोष में कर्त्तव्य कंठरोग में कर्त्तव्य कंठरोग में प्रतिसारण उक्त रोग पर लेप बाज रोहिणी का उपाय पित्तज रोहिणी की चिकित्सा रक्तज रोहिणी का उपाय कफज रोहिणी का उपाय वृन्दादि की चिकित्सा विधि की उपाय बातज गलगंड की चिकित्सा गलगंड में तैल पान कंफज गलगंड का उपाय उक्तरोग में क्षार पानादि मेदोभव गलगंड का उपाय अशान्ति में कर्त्तव्य मुखपाक का उपाय मुखपाक का उपाय रक्तज और कफज मुखपाक पिटिकाओं का विलेखन सन्निपातक मुख नवीन अर्बुद का उपाय पूति मुख का उपाय www. kobatirth.org अनुक्रमणिका । पष्टांक | विषय. ८४३ | कंठरोग नाशक गोली सर्व रोग नाशक तैल ८४४ मुख का उद्वर्तन "" " 19 33 15 35 " ८४५ 33 " 59 15 33 1" " " अन्य प्रयोग 33 दंत दृढीकरण गंडूष ८४६ | मुखरोग में रक्तस्राव उक्त रोगों में संशोधन मुखरोगों में पथ्य मुखरोग के उपाय में शीघ्रता त्रयोविंशोऽध्यायः । 23 " 93 " ८४७ >> 59 "" 33 " 33 ८४८ "" 3) "" Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir " अन्य गुटका अन्य तैल अन्य प्रयोग मुख नाशक अन्यप्रयोग उक्त रोगों पर चूर्ण कालक चूर्ण पीतक चूर्ण गल रोग नाशनी गुटिका हरीत की सेवन मुखपाक नाशक काथ मुख रोग नाशक कषाय मुखपाक नाशक प्रयोग शिरो रोगं का कारण बातज शिरो रोग अद्धा भेदक के लक्षण कफज शिरोऽभिताप रक्तज शिरोभिताप सन्निपातक शिरो भिताप सिरकंप के लक्षण पित्तप्रधान दोषों के रोग सूर्यावर्त के लक्षण कमाल गत नोव्याधि उपशिर्षिक रोग पिटिकादि के लक्षण दारुणक के लक्षण इन्दुलुप्त के लक्षण For Private And Personal Use Only पृष्टांक. 33 ८४९ "" 35 ८५० 35 93 39 ८५१ ⠀⠀⠀⠀⠀ 33 93 33 "" 13 ८५२ 2-2-25 ८५३ 59 "" " ८५४ 19 " 93 39 ८५५ "" 55 " 39
SR No.020075
Book TitleAshtangat Rudaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVagbhatta
PublisherKishanlal Dwarkaprasad
Publication Year1867
Total Pages1091
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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