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अनुक्रमणिका ।
पृष्टांक.
८२४
८२९
विषय. त्रिदोषज प्रति श्याय दुषितरक्त से प्रति श्याय दुष्ट प्रति श्याय के लक्षण पक्क प्रति श्याय के लक्षण भृश क्षवके लक्षण नासिका शोष के लक्षण नासानाह के लक्षण घ्राण पाक घ्राणस्राव रोम अपीनस रोग का लक्षण दीप्ति के लक्षण पूंति नासा के लक्षण पूय रक्त के लक्षण पूट के लक्षण अर्थोऽर्बुद के लक्षण उक्त रोगो के उपद्रव दुष्ट पीनस कोयापनत्व
विंशोऽध्यायः । पीनस में स्नेहनादि पीनसादि नाशक औषध धूमपान विधि स्नानादि निषेध बातज प्रतिश्याय में कर्तव्य पित्तरक्तज प्रतिश्याय नस्यकर्म का प्रयोग कफज प्रतिश्याय में उपाय सान्निपातक प्रतिश्याय दुष्ट पीनस की चिकित्सा नालिका द्वारा धूमपान पुटपाक का उपाय क्षवपुट नाशक प्रयोग नासां शोष का उपाय नासा पाकादि का उपाय पूति नासा का उपाय वमन प्रयोग
पृष्टाक. विषय.
| अन्य प्रयोग | नवीन पूयरक्त का उपाय अशीबुद चिकित्सा
एक विंशोऽध्यायः । " मुख रोग का हेतु
खडौष्ट के लक्षण
ओष्ठ की स्तब्धता पित्त पित ओष्ट कफदोषत ओष्ठ सन्निपात दूषित ओष्ठ रक्तोपरसृष्ट औष्ट के लक्षण मांसोपसृष्ट ओष्ट के लक्षण मेदो दुष्ठ ओष्ट के लक्षण गडालजी के लक्षण शीतरोग दंत हर्ष के लक्षण | दंत भेद के लक्षण चालाख्य रोग कराल रोग अधिदेत के लक्षण पूतिगध रोग के लक्षण कपालिका के लक्षण श्याव के लक्षण प्रलूनका लक्षण शीताद के लक्षण उपकुश के लक्षण दंत पुप्पुट के लक्षण दंत विद्राध के लक्षण सुषिर के लक्षण महा सुषिर रोग अधिमांसक रोग पांच प्रकार की मति वातादि दूषित जिहवा के लक्षण
अलसके लक्षण | अपि जिहवा के लक्षण | उप जिहवा के लक्षण
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