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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अष्टांगहृदयकी। २२३ २३२ विषय पृष्टांक. | विषय पृष्टांक. पाद सिराव्यध अशय शल्यों के यंत्र २२९ मांसलेश में ब्रीहिमुखयंत्र अन्य यंत्रों का प्रयोग अतिविद्धिाविद्ध के लक्षण. | शस्त्र से छेदन रक्तस्राव न होने के हेतु :, सिरादिस्थ शल्यों का निकालना , सम्यगूसम्यक स्राव हेतु | अस्थ्यादिकेशल्योंके निकालनकीरीति २३० दूषितरक्त का स्त्राव | फूले हुए शल्य का निकालना যুক হ্মা পাৰ २२४ अ य रीति मृीमें यंत्रका खोलना ,विरैक चूर्षेणादि से निकालना वातादिदोष से रक्तके लक्षण " कंठ स्त्रोतो गत शल्य अशुद्धरक्त के स्रावका परिमाण , अन्य शल्य अतिस्त्रत में उपाय *केश गच्छ से शल्य निकालना रक्तस्त्राव का पश्चात्कर्म मुखतासिका और कंट के शल्य पुनः स्त्राव अक्षिगत शल्य सायमें संश्यका प्रतिकार उदर से जल निकालना शेषरक्त का उपाय कानसे जल निकालने का उपाय रक्त न रुकने पर स्तंभनाक्रिया कान से कीडे निकालना अन्य उपाय लाख के शल्य का निकालाना रक्तस्राव के पीछेका कर्म काष्ठादि शल्य का न निकालना अग्निकी रक्षाकी आवश्यकता विषाणादि शल्य का आविलयन् रोगोंके स्वस्थानमें जानेके लक्षण २२६ मांस व गाढ का निकालना अष्टदिशोऽध्यायः । शल्य निकालने में शान शल्यों की पांचगति एकोनविंशोऽध्यायः । शल्य के जानने की रीति सूजन का उपचार त्वचा और मांसगत शल्यके लक्षण , आमशोफ का लक्षण पेशोस्नायु और लिरागतशल्य । पच्यमान शोफ का लक्षण स्रोत, धमनी ओर अस्थिगतशल्य २२७ शोफ को पक्कावस्था अस्थ्यादिगत शल्य अनिलादि विना शूलादि असंभव शल्य का रोहिणादि अत्यंत पाक में छिद्रादि २३४ त्वचा नष्टशल्य का परिक्षान मांसादि नष्टशल्य का परिशान रक्त पाक के लक्षण शल्यस्थान की सामान्य परीक्षा सूजन में दारणादि आमशोफ के छेदन में उपद्रव अदृष्टशल्य की आकृति अंतस्थ शयको सिरादाहकता शल्यकर्षण के उपाय अलमीक्षा कारी वैद्य की निंदा अनिपातनीय शल्य शस्त्रकर्म से पूर्वकर्तव्य न निकालने योग्य शल्य शस्त्रकर्म की विधि हस्तादि में लगेहुए शल्योंका निकालना, 'व्रण का प्रदेश २३५ For Private And Personal Use Only
SR No.020075
Book TitleAshtangat Rudaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVagbhatta
PublisherKishanlal Dwarkaprasad
Publication Year1867
Total Pages1091
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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