________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५७ अमृतसागर तथा प्रतापसागर नरंग २४ र ये पांनषाय पवनकायरमेरहेनहीं सीनलजल न्हावेनहीं गरमजलवारबारपावेजगताईसारोजुलापलागेअरवीचहीयेन होकरैनौ नाभिमैकूषिमैमलचाले पाछैजंगलउतरेनहींअरपवन सरेनहीं पित्तीउगैरैरोगहोय अरशरीरभासोरहै दाहहोय अरुचिहो यआफरोहोय भोलिमा छाएगाहोयतोपाछेनेपाचनादिकदेर
औरंअकरेतीयेसारारोगजायपरभूषलागे शरीरहलकोरहेोत्र रजुलाबपगलागेनौमू होयगानारैनीसरियावसूलम्चाले रअनीसारनैबादिलेरपोरभारोगहोय नवेनेसीतलजल रमानक राजेअरचावल मिश्रीसहन सिषरणी दहीं येषुनाजै अरबकरीको दूध मिश्रीनांषिपाजेअरसापाचावल मसूरयेपूबाजै नदियोजुन लावथंभै अरायोजुलाबलागेजीकायेलक्षालि०मनप्रसन्न रहे वायसरे सर्वरंटियांमैंबलहोयजाय बुद्धिनिर्मलहोपजायभूष चोषीलागेसर्वशरीरमैंबलहोया इतिविरेचननामजलाबकीवि०
अथसरितुहरडैषावाकाविधिलि ग्रीभारतयेक हरडेकीछालिकोचूर्ण तिवरावरिकोगुडभिलायरोजीनांदिन ६० ताईषायनौरोगहोयनहींअरवर्षारिखमैं येयहरडैकोचूर्णसी) लूकीसाथिषायतीरोगहोयनहींअरशरदरितुमैं मिश्रीकेसाथि दोयहरडैकोचूाषायतौरोगनहीं होयपरहिमरितमैयारिहर डेकोचूमिंटिकैसाथिपायतीरोगनहींहोयरसिसिरितुमैं पहर डेकोचूर्णपीपलिकेसाथिषायतौरोगनहींीय अरवसंतरिनुमैं छपहरडैकोचूर्णसहनकैसाथिषायनोरोगनहीं होय इतिउरि तुमैंहरडेपावाकीविधिः अथवस्तकर्मकाविधिलि बस्तिना मपिचरकीसोजीरोगीमूलमूलरुकिगयोहोयवायकांपाजांरां
For Private and Personal Use Only