________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५०५ अमृतसागर तथा प्रतापसागर तरंग २३ नैहांडीमांहिसूंका नदियाहरनालसिद्धिहोय सुषेदहोय पान में मात्रारती । षायतौ सर्वरोगमात्र नयाइरिकरेछे परभूषघणी करे इतिहरतालमारएणविधिः अथवा प्रथमदरताल इहींविधिसंसोधि पाईहरतालबैंकवार कापठाकारसमेंदि नतीन ३ षरलकरै पाछेर्डेकीटिकडीकरै छायामेसुकावै पालेडी लाकीराषने हांडी में दाविदाविभरिनीकैवी चिईहरताल कीटिकडी नेमले पाछेचूल्हेचढावे पाछैवेंकेनीचैनिवाले पहर की पाछे ईनैस्वांगसीतलहुवांका अर वातोलउतरे निर्धूमहोय इनेपान मैंरती। लेतोयांकोट नेंइरिकरे षाचा मोठचणां कोरोटीला पायनोकोढजाय इतिहतालमारएणविधिः अथचंद्रोदयर सकीविधिलि० सौनांकाचो पाउरकलेटका १| भर
अरसोध्योपारोटका भरलै अथवा हींगलूको काट्यों पारोले नभर अरसोधीगंधकांवलासारका १६) भरले पानी न्यांनॆषरलमैघालिनांदर्शिषणिकाफूलांकारससूंदिन ३ परलकरें पाछेकबारकापाठाकार ससूंदिन ३ बरलकरै पाछेईनेंखुकाय का चकीच्यातसीसीसीकैकपडमिट्टी दे पाछेईनैंसुकाय ईसीसी में ये सारीऔषद्यांसोनांकाऊरकसमेत भरे पालैसीसी कोमूंदोमुंदिदे अरवालुकाजंत्रमैचढाय चूल्हेमैले पानीचैवग्निबाले प्रथममंद मध्य आरगादी इसीतरे वाले महर बतीसकी ३२ आंच पाछेवांग सीतलहुवाईवालुकाजंत्रमैईसीसीका पाउईसीसीमांहिस्रं चंद्रोदयनैकाठै डाबामैंभरिराषै कीरंग हींगलसिरी सोलाबहोय पाछैषावामेंमाचारती? मरईमैंजायफल भीमसेनी कपूर समदशो स. लवंग कस्तूरी ये मारामासा ४ मिलायरोजानां षायनोगुएस
For Private and Personal Use Only