________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
४९१
२१
अमृतसागर तथा प्रतापसागर तरंग जाय परवेंकीनाभिर्मैपीडाहोय तीनैतुडिगुदाया करोगकहीजे ४ अथत्र्यहिपूतनारोगको लक्षणलि• बालककी गुदामलमूत्र सूलिपीरहवोही करे - अरगुदानधोवै अथवाकपडासूंपूंछें वातपाने जदिषाजित्र्पावे अरगुदालालर है पर बोबालकगुदानेंषुजालैन दिवेंकैफोडाहोय वेंकीगुदापाणीसूंजर बोकरै अरका गुदामैत्र राहोजायभयंकर चेंनेंहिपूतना रोगकहिजे ५ अथचजगली रोगको लक्षणलि० जीका शरीरमैंची कएगालालयेकवर्णकायूं गममाणधणीकुएणस्यां होजाय पर वेंपीडनहीं होय श्रीकफवा यसूंउपजैछै ईनैअजगल्लिका कहिजै ६ अथपारिगर्भिकरो गकोल क्षएालि० बालक हेसोगर्भिणी लुगाईको दूधपीवैजीके पासीहोय अग्निमंदहोय शरीरमेंदाहहोय भरतंद्राहोय पील पडिजाय अरुचिहोय भौलिया वै परवेंकोपेटवधिजाय वेनेंपा रिगर्भरोगकहिजे ७ अथबालककादांना कोरोगलि• बालक कैदांतानेंत्र्यानांजुर होय पेटछुटीजाय पासी होय छादें मांथो इषैषिषै रतवावहोय लक्षणदांतरोगांकाजाणिजे
बालकांका रोगांको जतनलि• जोवडाच्यादम्यांर्करोगहोय छै प्ररोहा रोगबालकांकै हो यतो वे हीजतन वडाआदम्यां करेसोही बालकांका कीजे पर बालकनै औौषदिदीजेसोरतीयेके कचधतीदीजै बरसयेकतांई अरसरावरसमासो १ दीजैया मर्यादा अरबालककी हाथलगायो रोवेतठेरोगजाणिजे पर बेंकोजतनकीजै अथबालककी जुरको विशेषजननलि० नागरमोथो हरडैकीछालि नींबकीछालि पटोल यांकोकाढोकरि तीर्मेंसहतनांषिपाछै बालकनैप्याचैनौ बालककी सर्वप्रकारक जुरजा
य २
For Private and Personal Use Only