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२३ अमृतसागरनथा प्रतापसागर तरंग २ न्यूंजीरा लचंगइलायची सेकाहींग अजवाया अजमोद येसर्वच रावरिले यांकोचूर्णकरैपाईनछामभरगरमजलकैसाथदीने तो पाचनहोयभूषलागेकफज्वरडूरिहोय ३ अथवा कालीगिलोय मूटि पुहकरमूल अरसो यहक्षद्रादि कहै सोयेसब
औषदिअधेलायधेलाभरलीजे त्यांनेज़ौकूटकर ईतोलका थकरिदिन दाजैलोककबरदूरिहोय४अथवा करीलपी पलि काकडासांगीगिलचे अरसो येसबऔषट्टिकर ली ने इनकोकाथकरिदिन १० देतो कपनर सासङ्घ खासळूमं दाग्नि रहकाथरिकरेछे ५ अथवा-अरसाकोकाटोछ दामभरनोलप्रमादिन दीजैतो कफज्वरततकालनिश्चै दूरिहोय अथवासीतमंजीरसरती २दोय अरडूसा परसूठि काकाटाकेअनोपानसूईतोलदिन ७ लेतीकफज्वरनिश्चैतन कालदूरिहोय अथकफज्वरडूंसातभंजीरसलिष्यते पारोसोध्यो हांगलूकोकाट्योटंक ५गंधकसोध्योटंक ५नामे श्वरदंक ५सांगीमुहरोसोध्योरंक रसूठिटंक५मिरचिटंक ५ पीपलिटंक ५.सुहागोसोध्योरेंक ५येसबमिहींचारियांकेचित्र ककारसकीभुट २ दीजे पाडैादाकारसकीपुरटीजे पा छैईकैपानाकारसकापुर ३ीजै पाळेई कीगोलीरतीप्रमा गकीकाजे योनीलभंजीरसबै ईसंकफज्वरअरसीनांग अ रसायकासर्वरोगारिकरेछै७ इतिकफज्वरकालक्षा अरजतनसं० अथवातपित्तज्वरकालक्षराजतनलिथ तेजीमनुष्यकैवानपित्तज्वरहोय जाँकैमू होय अरभोलि दाहहोय नीदमारेनहींअरमथवायहोय कंठ मुषसकै पर
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