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अमृतसागर तथा प्रतापसागर तरंग पारोटका १ भर सोध्योसींगी मुहरोटक ५ पाडेयांसारांनेमिहीयां टि अरपारागंधककी कजलीकरिईकजली मैयांसाराने मिलायपा छैयांकोएकजीबकरियां की गोली छोटाबोरप्रमाणबांधे गोली लबंगकाकाटासूंलेतौ सूलततकालदूरिहोया इतिसंषवटीरसः अथवा सीपांकीभस्मटंक २॥ नातापासूंपीवैतो भोजनकरा पाडेसलचालै सोहूरिहोय' अथवा सोध्योपारोटक १ सोधी गंधकटंक सोध्योसींगी मुहरोटक । कालीमिरचिटका १| पीप 'लिङका २|| काकडासींगीट का २ सेकी हींगटक २) पांचू लूटका ८। मामली कोषाररका नजंमीरीकारसमें बुलाई संघकीभस्मट का नभर प्रथमपेोरागंधककी कजली करे पाछैईकजलीमैयेसा शोषदिमिलाय नींबूकारसमैयेकजीवकरै पाछेकीगोलीट क१। प्रमागगोली बांधे पाछैगोली १ जल सूंले तौसूलने वजी एनिउदर कारोगनैं मंदाग्निनें दूरिकरे इतिसूलदावानल रसः येसाराजतनसर्वसंग्रहेग्रंथमे प्रथपसवाडा कीसूलकोजतनलिष्यते सांगीमोहरो हरताल हांग राई नौसादर मेएासिल लसण बचएलीयो यांनेबरावरिले यांने मिहीनांदिगरमपाणीसूंडे गरमसुहावतो लेपकरेती पसवा डाकीसूलजाय इतिसूलरोग - प्रकार की अरपरिणामसू लभ्प्रन्नद्रवजरत्पत्त का जननसंपूर्णम् इति श्रीमन्महा राजाधिराजमहाराजराजराजेंद्रश्री सवाईप्रतापसिंहजीविरचितेअमृतसागरनामग्रंथे वानरक्तसूल परिणा मसूल अन्नद्रव जरपित्तयांकी उत्पत्तिलक्षणजनननि रूपणनाम दशमः स्तरंगः समाप्तः १०
अथउदावर्त्त
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