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१०५ अमृतसागर तथाप्रतापसागर तरंग दिदोयदोयटकाभरलीजे पर वडाहरडै १०० ताजे पाछेयांओषयांने जोकूटकार सेरवासपांगामेोषदिअरहरडैसामिलकरोगजे पा छैोपालाचतुर्थीसरहै नदिवे उतारि वैमाहि हरडैकादीलीजेपा छैहरडैकीगुठलीकाटि हरडैनैवांटिराषेपाछोपुरागोराडरका १०० भरतीकाचासणीकरैवेचासणीमें ईहरडेकाचूननैमिलायै मैगर कोनटकाभरनाषेचासणीमैपाछैईनेटकाभर रोजीनांषा यती राजरोगनै सोसनै षासीनै सासनैहिचकीनै विसमजरने से ग्रहणीने बवासीरनै अरुचिनै पीनसने याअगस्तिहरडैइतनारोगा नेहरिकरैछै अरसरीरनैपुष्टकरैछै भूषवधा, कोष्टनेसुहकरेछ २५ इतिग्रस्तहरडैकीविधि यादमेलिषीछै अथवा अर इसोटका १०० भरलेतीकोकादोकरिचतुर्थीसराषिजे जुदोछागि पोछेईकादाकारसमैंटका १००भरगुडकी चासणीकरिटकाभ र तिलांको तेलनांषै अरटकाभर गऊकोघृतना अरईचा सीमेवडीहरडै १० काबकलकोचूररामिहींना पछै पीपलि रंक २॥पीपलामूलटंकसा कालीमिरचिटंक ॥ पोहकरमूलरंक
चयटकाचित्रकटंकसूटिटंकशायमिहींपांटि ईचास पीमैयांकोचूर्णनांषेपाछैयांकोयेऊजीवकार टकाभररोजानां पायती राजरोगनिश्चैहरिहोय अरई बवासीर पासी स्वरभेद मोजो अमलपित्त पांडुरोग उदररोग अमिमांद्यनपूंसकता येसा रारोगई जाययाचरकमेलिषीछै २६ इतिराजरोगसोस रोगक्षयारोगयांकीउत्पत्तिलक्षराजतनसंपूरणम् अथ पासरोगकी उत्पत्तिलक्षराजतनलिष्यते अथषासकार पत्तिलिष्यते मूंदामेधूचांकाजावासू सूंदामैंधूलिकाजाबासूं
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