________________ 12 Cel लाय अस्थार रेत लिन पंथ કડી સર્ષ સુધી આ સિકિાનું હોય છે RM: अकृतकात - तपी भी परिमित शशि, इत्यर्थ / 2. अपातकार : तपीमिरपरिकासित राहिशः इत्यर्थ 3 जीतार्था: अधिगता चार प्रकल्पाहि नि / थान्त श्रुता' 4 अगीता : ता विपरिता. 5 स्थिरा; थे परकाहिनि दर्शनता परीसर उपौ। परात, विकिर। प्रायन लाजत, 2ीपनी बा ना त्या स्पन्न अष्टम शति जीन कल्प गाथा २४(नी 251 412 1.5271\ पनि ) :. ति47) 21 (4ript Timi MIय (1) 241पत्ति इति 20 539 था, 5 -AI ) , पंथी, 1.164\ 245 c54) 2n (enfes) duk2,