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आकृति निदान
हम नित्य जो आहार करते हैं और जो हवा सांस लेते हैं उसके द्वारा नित्य एक नयी शक्ति अपने में उत्पन्न करते हैं ।
इस तरह प्राण-शक्ति प्राप्त करने और उसकी उन्नति करने के लिये भोजन बहुत आवश्यक वस्तु है । इसलिये अपने भोजन के सम्बन्धमें ऐसी प्रत्येक बातका ध्यान रखना चाहिये जिससे हमारी प्राण-शक्तिपर अच्छा प्रभाव पड़े।
नीचे लिखे प्रश्नों का उत्तर देते हुए मैं इस विषय में पूर्णरूपसे लिखने की चेष्टा करूंगा कि आहार कैसा होना चाहिये । प्रश्न यह हैं
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(१) हमारा भोजन कैसे हमारे अङ्ग लगे ?
( २ ) क्या खाना चाहिये ?
( ३ ) कहाँ खाना चाहिये ?
( ४ ) कब खाना चाहिये ?
( १ ) खाना कैसे पचना चाहिये ?
हम जो कुछ भोजन करते हैं उसमेंसे हमारा शरीर उन सब वस्तुयोंका सार खींचनेकी चेष्टा करता है जो शरीरकी पुष्टि और गतिके लिये आवश्यक हैं। हमारा शरीर खाई हुई वस्तुखे जिस तत्वको खींच लेता है उसे ही पचाता है। भोजन पचते समय शरीर में कई प्रकारकी क्रियायें होती हैं। पर हमें उनपर विचार नहीं करना है क्योंकि भोजन पचनेके कुल कामको अलग अलग भागों में विभक्त न समझकर समूचा एक काम समझा जाता है । जबतक शरीर में पचनेके लिये कोई पदार्थ रहता है
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