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आकृति निदान सामनेवाले बादीपनका सम्बन्ध विशेषतः शरीरके सामनेवाले हिम्सेसे है। तस्वीर नम्बर ५, ७, ३६ और ३७ इस तरहके बादीपनके उदाहरण हैं। इस बादीपन को भली भाँति समझने के लिये मैंने तस्वीर नं. ६ में जैसी चाहिये वैसी स्वाभाविक आकृति दे दी है। पाठक उन दोनों चित्रों का मिलान करके दोनोंका अन्तर देखें। सामनेवाले बादीपनकी दशामें गला सामनेकी ओर साधारणतः कुछ बढ़ा रहता है । तस्वीर न० । और चेहरा बहुत बड़ा और भरा हुआ मालूम पड़ता है। प्रायः केवल मुख ही आगेकी ओर निकला सा रहता है । चेहरेके बारे में यह एक विशेष बात ध्यानमें रखनी चाहिये कि चेहरेके चारों ओर एक ऐसी लकीर सी रहती है जो सिरके दूसरे हिस्सेसे चेहको अलग करती है: जब सामनेकी ओर बादीपन रहता है तब यह लकीर साधा. रणतः अपने स्वाभाविक स्थानपर नहीं बल्कि कुछ पीछेकी ओर रहती है। (तस्वीर नं० ७, ८)। भार सामने वाला बादीपन बहुत ज्यादा रहता है तो चेहरा फूला हुआ मालूम पड़ता है और माथेपर एक चर्बीदार गद्दी सी बन जाती है। पर इस तरहकी चर्बीदार गद्दी पीठके बादीपनमें भी रहती है। इसलिये सामनेवाले वादीपनकी यह कोई खास पहचान नहीं है । इससे केवल यह सूचित होता है कि बादीपन दिमागतक पहुँच गया है। ___ बहुत सी दशाओं में गलेपर गांठ सी पड़ जाती है ( तस्वीर नं. १०, ३८, इससे यह सुचित होता है कि बादीपन बहुत
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