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५, ६४, उत्काल्य दयिते स्तनवृद्धिः
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५ वच ६४. वायविडंग उकालकर क्वाथ बनाकर पिलावे स्तनवधे
१०५, १६, ३२, गुडेनसह दीयते स्तनवृद्धिः
१०५, कालानील १६ उपलोट ३२ वडवडवाइ तीनों को गुडमें मिलाकर गोली खावे स्तनवृद्धिः
१०, ६६, ४३, तिलके वश्यं
| १० मींडासिंगी ६६ जलभांगरो ४३ कुमारिका तीनोके पीसकर तिलक करे वश्य होवे
१८, १९, ३३, ५०, भगलेपात् संकोचनं पतिवश्यंच
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१८ मयुरसिखा ११ पतंजारी ३३ हाथाजोडी ५० जीरो चारों चीजको पीसकर भग लेपकरनेसे भगसंकोचन पतिवश्य
२१, ५, ५१, २२, ४४, मदनध्वजलेपात् वृद्धिः
| २१ सहदेवी ५ वच ५१ बेउ २२ आवला ४४ श्वेतरुद्रजटा इन सवदवाको पीसकर मदनध्वजपर सुपारी छोडकर लेप करेतो वृद्धि होता है
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आकाशगामिनी विद्याकल्प
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