________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आ० मावाहयाम्यहम् // 106 // // स्वागतोभव॥सुप्रतिष्ठोभव।स। निधोभव // सन्निहितोभव // संमुखोभव॥ ॥इतिपंचमुद्राः।। स्फुटयित्वाऽर्हयेत्सूर्यभुक्तिमुक्तिलभेन्नरः // 107 // ॥ओश्रीं विद्यांकिलिकिलिकटकेष्टसर्वार्थसाधनायस्वाहा // ओश्रीं हीहहंसःसूर्यायनमःस्वाहा // श्रीं हांहींहूंछैन्होंन्हः सूर्यमूर्तयेस्वाहा // ओश्रींहीखंखःलोकायसर्वमूर्तयेस्वाहा। ओंडूंमार्तडायस्वाहा ।।नमोस्तुसूर्यायसहस्रभानवेनमोऽस्तुवै श्वानरजातवेदसे // त्वमेवचार्यप्रतिगृह्नदेवदेवाधिदेवायन मोनमस्ते // 108 // नमोभगवतेतुभ्यं नमस्तेजातवेदसे // * दत्तमय॑मयाभानोत्वंग्रहाणनमोस्तुते // 109 // एहिसूर्यस हस्रांशोतेजोराशेजगत्पते // अनुकंपयमांदेवगृहाणाय॑नमो स्तुते // 110 // नमोभगवतेतुभ्यंनमस्तेजातवेदसे // ममेद * मर्यगृह्णत्वंदेवदेवनमोस्तुते // 111 // सर्वदेवायदेवायआ|| For Private and Personal Use Only