________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सौम्योहव्यकव्यप्रदायकः // 30 // अंशुमानुत्तमोदेवऋग्य जुःसामएवच // हरिदश्वस्तमोदारः सप्तसप्तिमरीचिमान / // 31 // अग्निगर्भोऽदितेःपुत्रःशंभुस्तिमिरनाशनः // पूषा विश्वंभरोमित्रःसुवर्णःसुप्रतापवान् // 32 // आतपीमंडली भास्वान्तपनःसर्वतापनः // कृतविश्वोमहातेजाःसर्वरत्नम, योद्भवः // 33 // अक्षरश्चाक्षरश्चैवप्रभाकरविभाकरौ // चंद्र चंद्रांगदःसौम्योहव्यकव्यप्रदायकः // 34 // अंगारकोंग दोऽगस्तीरक्तांगश्चांगवर्द्धनः // बुद्धोबुद्धासनोबुद्धिर्बुद्धा त्माबुद्धिवर्द्धनः // 35 // बृहद्भानुहद्भासोबृहद्धामाबृहस्प। * तिः // शुक्लस्त्वंशुक्लरेतास्त्वंशुक्लांगःशुलभूषणः / / 36 // शनिमान्शनिरूपस्त्वंशनैर्गच्छसिसर्वदा // अनादिरादिरा *दित्यस्तेजोराशिर्महातपाः // 37 // अनादिरादिरूपस्त्व में मादित्योदिक्पतिर्यमः // भानुमान्भानुरूपस्त्वस्वर्भानुर्भानु - - For Private and Personal Use Only