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[ ३ ]
पीतज्वर-४६८, तन्त्रिकज्वर - ४६९, मूषिकदंशजज्वर - ४७०, प्लेग या वातालिका - ४७१, तरंगज्वर - ४७३, कालज्वर - ४७४, रिया- ४७७, कालमेहज्वर - ४८५, यान्त्रिकज्वर - ४८७ ।
श्रावर्तकज्वर - ४७१, विषमज्वर या मले
अष्टम अध्याय
यक्ष्मा [ Tuberculosis ] ४६३-५७४
यदिमका- ४९४, यक्ष्मकवकवेत्राणु - ४९६, यक्ष्मा के प्रभवस्थल - ४९७, यक्ष्मा के प्रवेशमार्ग - ४९९, उपसर्ग का प्रसार - ५०५, श्रौतिकीय प्रतिक्रिया - ५०६, यक्ष्मिकाओं के परिवर्तन - ५१०, किलाटीयन - ५११, तन्तूत्कर्ष - ५१२, चूर्णियन - ५१४, वाहिन्यपरिवर्तन - ५१४, यक्ष्मानुषता तथा प्रतीकारिता - ५१५, तीव्र सर्वाङ्गीण यक्ष्मा - ५१७, यक्ष्मा के सहायक कारण - ५१८, अस्थियों पर यक्ष्मदण्डाणु का प्रभाव ( अस्थि यक्ष्मा ) - ५२०, सन्धियों पर यमदण्डाणु का प्रभाव ( सन्धियक्ष्मा ) - ५२४, यक्ष्मपरिहृत्पाक - ५२९, यक्ष्मधमन्यन्तश्छदपाक - ५२९, यक्ष्मलसग्रन्थिपाक - ५३०, यक्ष्मस्वरयन्त्रपाक-५३१, फुफ्फुस पर यक्ष्मदण्डाणु का प्रभाव ( फौफ्फुसिक या फुफ्फुस यक्ष्मा ) - ५३२, यक्ष्मा का श्रेणीविभाजन - ५४८, आन्त्र पर यक्ष्मा का प्रभाव ( आन्त्रिक या यक्ष्मा ) - ५५६, उपवृक्क प्रन्थियों पर यक्ष्मा का प्रभाव ( एडीसनामय ) - ५६३, मूत्रप्रजननसंस्थान पर यक्ष्मा का प्रभाव - ५६७, वातनाडीसंस्थान पर
यक्ष्मा का प्रभाव - ५७२ ।
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नवम अध्याय
फिरङ्गप्रकरण [ Syphilis ] ५७५-६३८
फिरंग शब्द की व्युत्पत्ति - ५७५, सहजफिरङ्ग - ५७९, अवाप्तफिरङ्ग-५८५, बाह्य फिरङ्ग-५८५, आभ्यन्तरफिरङ्ग - ५९०, बहिरन्तर्भव फिरङ्ग - ५९३, फिरङ्गार्बुद क्या है - ५९५, फिरङ्ग की चतुर्यावस्था - ५९९, अस्थिफिरङ्ग - ६००, सन्धिफिरङ्ग -६०३, रक्तवाहिनियों पर फिरङ्ग का प्रभाव - ६०५, लसग्रन्थियों पर फिरङ्ग का प्रभाव - ६११, प्लीहा पर फिरङ्ग का प्रभाव - ६१२, स्वरयन्त्र पर फिरङ्ग का प्रभाव - ६१२, फुफ्फुस पर फिरङ्ग का प्रभाव - ६१२, श्रोष्ठ पर फिरङ्ग का प्रभाव - ६१४, मुख में फिरङ्ग का प्रभाव - ६१४, जिह्वा पर फिरङ्ग का प्रभाव - ६१४, महास्रोत और फिरङ्ग - ६१५, यकृत् पर फिरङ्ग का प्रभाव - ६१६, नासा पर फिरङ्ग का प्रभाव - ६१७, फिरङ्ग - ६१८, अवटुका प्रन्थि पर फिरङ्ग का प्रभाव - ६१८, फिरङ्गिक वृक्कपाक - ६१९, वृषणों पर फिरङ्ग का प्रभाव - ६२०, प्रभाव- ६२१, वातनाडी संस्थान पर फिरङ्ग का प्रभाव - ६२१,
श्रामाशय और
हृदय और फिरङ्ग - ६१८,
गर्भाशय पर फिरङ्ग का पञ्चकार्श्य या प्रचलना