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अभय-रत्तसार ।
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गेहूका खाखरा बना कर सुखा कर रख लिया पाँच-सात या अधिक
जाता है और लोग उसे दिनतक खाते रहते हैं । अक्सर लोग उसी वरतनमें ऊपरसे भी खाखरा बना बना कर रखते जाते हैं । ऐसा करना उचित नहीं जिस बर्तन में रखते हैं, उसे तो हरदम साफ़ ही रखना चाहिये नहीं तो उसमें कितने ही त्रस जोवोंके पैदा हो जानेका डर रहता है ।
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२५ - - पापड़की लोई, बड़ा, मीठी पूरीउरद, मूंग आदिके बड़े या मीठी पूरी, मुलायम रोटी सवेरेकी बनी हुई हो, तो चार पहर तक खाने योग्य रहती है ।
२६ जुगलीराव - ज्वार या मक्काके आदेको aai iध कर जो 'राब' बनायो जाती है उस जुगली राबका समय १२ पहरका है । इसके उपरान्त वह अभक्ष्य हो जाती है। अन्न कम और छाँछ ज्यादा हो तो जुगली राब और छाँछ कम तथा अन्न ज्यादा हो तो 'घाट' कहलाती है । इसका समय ८ पहर है ।
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