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अरिहंतचेइयाणं सूत्र। १३ २४-अरिहंतचेइयाणं सूत्र । अरिहन्तचेइयाणं करेमि काउस्सग्गं वंदणवत्तियाए, पूअण-वत्तियाए, सक्कार-वत्तियाए सम्माणवत्तियाए, बोहि लाभ-वत्तियाए, निरुवसग्गवत्तियाए ॥ सद्धाए, मेहाए, धिईए, धारणाए, अणुप्पेहाए, वड्ढमाणीए ठामि काउस्सग्गं ।
२५-पुक्खर-वर-दीवड्ढे सूत्र । पुक्खर-वर-दीवड्ढे,धायइ-संडे अ जंबुदीवे अ। भरहेरवय-विदेहे धम्माइगरे नम सामि ॥१॥ तम-तिमिर-पडल-विद्धंसणस्स सुर-गण-नरिंद-महियस्स। सीमाधरस्स वंदे, पप्फोडिअ-मोह-जालस्स ॥२॥ जाई-जरामरण-सोग-पणासणस्स। कल्लाण-पुक्खल विसाल-सुहावहस्स ॥ को देव-दाणव-नरिंद-गणचियस्स ।धम्मस्स सारमुवलब्भ करे पमायं ॥३॥ सिद्ध भो! पयो णमो जिणमए नंदी
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