________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
पक्खी-सूत्र |
चंदपन्नत्ती दीवसागरपन्नत्तो खुड्डियाविमाणपरिभत्ती महल्लियात्रिमाणपविभत्ती अंगचूलिया वंगचूलिया विवाहचूलिया अरुणोववाए वरुगोववाए गरुलोववाए वेसमणोववाए वेलंधरोववाए देविंदोववाए उट्टा सुए समुट्ठाण सुए नागपरियावलियाओ निरयावलियाओ कप्पियाओ कप्पवासियाओ पुफियाओ पुप्फचुलियाओ वहीदसाओ आसोविसभावणाओ दिटीविभावरणाओ चारणसुमिरणभावणाओ महासुमिरणभावणाओ ते अग्गिनिसग्गाणं सव्वेपिएयमि अंगबाहिरए उककालिए भगवंते ससुत्ते सप्रत्थे सग्गंथे सन्निजुत्तोए ससंगहगीए जे गुणावा भावावा अरिहंतेहिं भगवंतेहिं पन्नत्तावा परुवियावा तेभावे सदहामो पत्तियामो रोएमो फासेमो पालेमो अणुपालेमो ते भावे सहतेहिं पत्तिय तेहिं रोय तेहि फासंतेहिं पालंतेहिं अणुपालंतेहिं अंतोपख्खस्स जंत्रा
For Private And Personal Use Only
२०५