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उपनिषद् : गीता
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आकार (से० मी०)
पृ०सं० पंक्ति अक्षर दशा/परिमाण |
लिपिकाल १०प्र० पृ० प्र०५० (अनु० छन्द में)
विशेष विवरण
१९.८४१०.२ | २५
| पूर्ण/१७५
८
1३४२०
३२ | पूर्ण/१०४
आत्मज्ञानविवेचक महत्त्वपूर्ण उपनिषद् सम्पूर्ण
१२४२०
| पूर्ण/१४२
१९१८ वि० | आत्मस्वरूपनिरूपण
१०४१.
| अपूर्ण/३२
२०४८
| पूर्ण/७०
१३४१३
| ३२ | पूर्ण/६०
१८x११
७ | १६ | पूर्ण/३७.५
१८८०वि० १७४५ शाके
१२४११
८ | २० | पूर्ण/२५
१९५९ वि०
१२४२०
| पूर्ण/५९
-
ब्रह्ममहिमानिरूपण
१९.५४१०
९ | २० | पूर्ण/१०१
कुछ शैवतन्त्र से सम्बद्ध 'कौलोपनिषद्' पर भासुरानन्दनाथ-विरचित भाष्य
१९.८x१०.३ । १८
७ | २८ | पूर्ण/१००
२७.५४११.५
१०३४११ | ३६ / पूर्ण/१२७९६ | १६४६ वि० सम्पूर्ण गीता पर मधुसूदनी टीका,
(भाद्रो वदि ८ लिपिकाल की दृष्टि से महत्वपूर्ण
बुधवासरे) । ३६२/ ११ / २० | पूर्ण/२४८९
| शंकरभाष्यसहित सम्पूर्ण गीता
२७४१२.५