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उपनिषद् : गीता
- ४९
विशेष विवरण
... आकार
(से० मी०) ___८(क) .१८x१०
पंक्ति | अक्षर दशा/परिमाण - लिपिकाल
प्र० पृ०प्र० पं० (अनु० छन्द में) (ख) ८(ग) ८(घ) ९
| अपूर्ण/६३
१४४१२
पूर्ण/२२
.
.
.
१९४० वि० (कात्तिक वदि २)
४८x१२
| पूर्ण/१०.५
३०४१३
| पूर्ण/४०५
| १९२४ वि०
२२.५४१६३०८
५ | १० | पूर्ण/४८१
'२२४१०.
६
५० | ९ | २४ | पूर्ण/३३७
१९२० वि० (श्रावण कृष्ण १३) १७८० वि० (भाद्र शुक्ल ७)
२०४१०.४ .
३
७ | २४ | पूर्ण/१५
२१:५४१४
५ | १० | पूर्ण/८
१६४३२
१६४१२
८ | १७ | पूर्ण/३१९ १९१७ वि० | निश्चलदास की तथा प्रज्ञानन्द की
टिप्पणी से अलंकृत 'ईशावास्योपनिषद्
प्रतिपादित है १५ . पूर्ण/ १०५ - १९१७ वि० | एक अज्ञातकर्तृक टीका से युक्त
'ईशावास्योपनिषद्' प्रतिपादित है | ३२ पूर्ण/११२ | १९१९ वि० संस्कृत टीका सहित
३३४२०
२१४११.३
१० | ३१ | पूर्ण/२६
२१४११.३
| ४ | १० | २० | पूर्ण/२५