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कर्मकाण्ड
आकार (से० मी०)
विशेष विवरण
८ (क)
पंक्ति | अक्षर| दशा/परिमाण
लिपिकाल प्र० पृ०प्र० पं० (अनु० छन्द में)
__१० १४ | ३५ | अपूर्ण/७७
१६ ३४९.३
२४४१३.५
११ | ३२ | पूर्ण/८८
सन्तानवृद्धि के लिए एकवस्त्र धारण विधि विवेचन
१३४२१
| पूर्ण/२४
१३४९
| ६ | ६ | पूर्ण/६२
१८.५४ १३
| १५ | २० | पूर्ण/७५०
| १८८२ वि०
(श्रावणवदि ७ शनिवार) १८३० वि० (मार्गशीर्ष शुक्ल १५ चन्द्रवार) १९३७ वि० (माघशुक्ल
११)
३३४१२
। २४ | ८ | ३८ | अपूर्ण/२८८
१९.५५१५
। २४ |
पूर्ण/१७३
१४.३४ १०.२
| १५ | अपूर्ण/२३
२७.५४ ११.८
८
| ५४ | पूर्ण/१७६
२६ ४११.३
३१ | अपूर्ण/४७५
१७.३ x ११
अपूर्ण/४७२
१७४१२
८ | १७ | अपूर्ण/२७६
३४४ १६
३५ | १५ | ४८
अपूर्ण/७८७
एकादश अध्याय तक पूर्ण, बाद में यत्रतत्र खण्डित । दुःखहेतु पूर्व जन्म में कर्मों के प्रायश्चितों का विधान