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स्तोत्र
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विशेष विवरण
आकार (से० मी०) ___८ (क) १६४ ११.८
पंक्ति पंक्ति दशा/परिमाण | १०प्र० पृ०प्र०पं० (अनु० छन्द में)
लिपिकाल ८(ख) ८ (ग) ८(घ) ३१ | ८ | १६ पूर्ण/१२४ १८०९ वि०
(मार्गशीर्ष
शुक्ल ८) १६ | पूर्ण/५२
१७४१०.५
२०४१५.५
पूर्ण/५०
२३४१२
पूर्ण/४५
१८३२वि०
१६४१३
| पूर्ण/५९
१७४ १२
| पूर्ण/३६
शत्रुविनाश के लिए पक्षिराज श्रीशरभेश्वरदेव का स्तवन
२२४११
६. ८ | ३२ | पूर्ण/४८
यह 'आकाशभैरवकल्प' का २७वा अध्याय है। इसमें पक्षिराज शरभदेव की शत्रुविनाश के लिए स्तुति की गई है। श्लोक संख्या ७ है। पक्षिराज श्रीशरभदेव के सहस्रनामों का तान्त्रिक स्तवन
२२.५४११.५ | २८ | १० | ३२ | पूर्ण/२८०
२२.५४११.५
पूर्ण/५०
पक्षिराज शरभेश्वर अथवा सालुवेश की तान्त्रिक स्तुति
२२४२०.५
पूर्ण/११
१७.५४९
पूर्ण/७८
१९२५ वि० (माघकृष्ण १० गुरुवार)
२६४१० ।
पूर्ण/३०
१८४९.२
। ९
५
१९ | पूर्ण/२७