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स्तोत्र
२७३
आकार
पंक्ति अक्षर दशा/परिमाण प्र० पृ० प्र० पं० (अनु० छन्द में)
पृ०सं०
लिपिकाल
विशेष विवरण
(से० मी०)
__८ (क)
८ (क)
(ख) ८(ग)
____१० ।
११
११४७
पूर्ण/७२
| १६६५ वि० | लिपिकाल की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण
१८.५४ १४.५
पूर्ण/६०
२४४१०.५
पूर्ण/२१
२१.५४१२
२८ | अपूर्ण/४२
· २५.७४ ११.४
| ३२
पूर्ण/५३३
| १८७४ वि०
१३४२१
| ४ | १२ | १६ | पूर्ण/२४
१९५० वि०
१७.५४ १२.५ ।
३
पूर्ण/२०
१८९९ वि०
१६.५४८.२
।
पूर्ण/७०
१८९६ वि० (श्रावणकृष्ण
१७४१२
| पूर्ण/३७
१६.५४ १३.५ / २५, ९
१७ | पूर्ण/११९
१८८६ वि० (कार्तिकवदि ९ बुधवार) १८४९ वि०
१६४१०
९३ | ६ | १५ | पूर्ण/२६२
भागवतपुराण के विविध स्कन्धों से विष्ण नामों को लेकर निर्मित भागवतसारसमुच्चय से सहस्रनामों का उल्लेख कर श्री विष्णु की स्तुति की गई है
२१४१७
| १३ | ९ | १२ | पूर्ण/४४
१६४११
! १३९
७, १० पूर्ण/३०४
३५