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वैदिक : संहिताएँ और साहित्य
आकार (से० मी०)
___८ (क)
पंक्ति अक्षर दशा/परिमाण
लिपिकाल
विशेष विवरण प्र०पृ० प्र०५० (अनु. छन्द में) (ख) (ग) (घ) ९ ___ १०
११ १० ५ ११ । पूर्ण/३४ १९०० वि०
(पौष कृष्ण,
८ गुरुवार) ९ २० | पूर्ण/२२ १९१८ वि० सर्वप्राचीन उपनिषद्
२१.५४१४
३५४ २०
२३.५४ १०.५ | २७३
६ ११७७/ अपूर्ण
३२.५४ २०.२ | ५३६/७ (कुछ १७/ पूर्ण /१९९३ | १९०३ वि० | इसमें ४० अध्यायों में पूर्ण शुक्ल यजुर्वेद पत्रों में
की वाजसनेय संहिता है । इसके १७ एवं अधिक)
४० दो अध्याय व्याख्यायुक्त भी हैं २५४१३ ३१६ १० २७ / पूर्ण २६६५
इसमें शुक्ल यजुर्वेद संहिता पदपाठरूप में उपनिबद्ध है
११.५४८
२८
७
१०
पूर्ण/६१
२७४१२
| ३२ | पूर्ण/३२४
। १८९९ वि० | शतरुदीय होम नामक १६ अध्याय
पर लिखी गई व्याख्या
२४४११
३२ | पूर्ण/४४.
२१.५४ ११.५
| २४ | अपूर्ण/१४२
२२४१०
११ ३२ | अपूर्ण/२०९
२४.५४ १२.५ ।
३२ पूर्ण/१६२
१८४२ वि.
२२.६४८.५
८
३२. अपूर्ण/२१६
-
११.५४८
| १४ |
५ | ११
अपूर्ण/२४
१९१५वि० (मार्गशीर्ष ८)