________________
वैदिक : संहिताएँ और साहित्य
आकार (से.मी.)
____८ (क)
पंक्ति अक्षर दशा/परिमाण ।
लिपिकाल प्र० पृ०प्र०पं० (अनु० छन्द में)
विशेष विवरण . (ख) ट(ग) ८(घ) ९ १० | पूर्ण/४११ | १८६७ वि० | ऋग्वेद-सूक्तों की अनुक्रमणिका
(आश्विनकृष्ण
१३ मंदवार) ७८ | पूर्ण/५४४ १९२५ वि.
२१४९
१९४१०.
५
२०.५४८.२
५४
| अपूर्ण/२२२
| १६३९ वि० | लिपिकाल की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण ।
२१.५४१०.२ | २१२
पूर्ण १४३१
१८६९ वि० मार्गशोषं
२२.७४८.३ | ४९६
| पूर्ण/४४५७
१८८९, १८९०वि०
२१.५४१०
अपूर्ण ३७६
२५४११
१८ | अपूर्ण/२३
२४.५४१३
| अपूर्ण/३७५
१९१० वि० (फाल्गुन सुदि ७ चंद्रवार)
२५४१५.५
पूर्ण/७५
२८४१२
| पूर्ण/८०
२३४११.५
पूर्ण/५०
२४.५४३३
| १२ | १२ | २० | अपूर्ण/९०
१९१६ वि० (पौष शुक्ल ६ शनिवार)
। २४.३.११
८
६
| ३२ | पूर्ण/७२
यह महर्षि शौनक-प्रणीत चरों वेदों की शाखाओं आदि का विवरण देनेवाली अनुक्रमणी रूप है, ग्रन्थ महत्वपूर्ण है