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305.]
Ends. - fol. 15sb
अष्टौ ब्राह्मणान्ग्राहयित्वा तृणेन मोक्षयति काष्टेन मोक्षयति शतं ब्राह्म ग्राहयित्वा चक्षुषा मोक्षयति चक्षुषा मोक्षयतीत्याह भगवान् ब्रह्मा अह भगवान्ब्रह्मेति गारुडोपनिषत् ॥ १ ॥
इत्यथर्ववेदे गारुडोपनिषत्षदचत्वारिंशत्तमः समाप्तः ॥ ४६ ॥
Begins. – fol.2498
गारुडोपनि
N6, 304
Size.-611 in. by 311 in.
Extent. foll. 2194 to 250; 7 lines to a page ; 20 letters to a line.
Description. See No.
134 (I). 1880-81.
Mundakopanisad.
ॐ ब्रह्मविद्यां प्रवक्ष्यामि etc.
Ends. fol. 250a
Upanisads:
गारुडोपनिषद्
No. 305
2011
शतं ब्राह्मणान् ग्राहयित्वा चक्षुषा मोक्षयति चक्षुषा मोक्षयतीत्याह भगवान ब्रह्मा आह' भगवान् ब्रह्मेति गारुडोपनिषत् ॥ इत्यथर्ववेदे गारुडोपनिषत्संपूर्ण ॥
Description — See No.
Begins. fol. 83b
Ends. fol. 84"
Garuḍopaniṣad 134 (46).
1880-81.
Size. -- rok in. by skin..
Extent.~~ folll 838 to 844; 12 lines to a page ; 35 letters to a line.
27 ( 1 ). 1895-98.
Mundakopanişad.
26 [ Upanisads |
Garuḍopaniṣad 27 (46). 1895-98.
ॐ ब्रह्मविद्यां प्रवक्ष्यामि ब्रह्मा नारदाय नारदो बृहत्सेनाय बृहत्सेन: इंद्राय ॥ etc.
शतं ब्राह्मणान् ग्राहयित्वा चक्षुषा मोक्षयतीत्याह भगवाद ब्रह्मा आह भगवान्ब्रह्मेति गारुडोपनिषत् ॥ १ ॥
इत्यथर्ववेदे गारुडोपनिषत् समाप्ता षट्चत्वारिंशत् ॥ ४६ ॥