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Vedangas
Age-Samvat 1831.
Author - Vārāha. Begins - fol. 10
॥ श्रीगणेशाय नमः॥ अथ षष्टीसंवत्सर लिख्यते ॥ प्रभवनामसंवत्सरे ॥ ब्रह्मास्वामी। जन्म प्रवर्तु भतिसोभन । विद्यामंगलिके । महोच्छावो होती। महान राजे सुखी
होतील । वराही मास सुभिक्ष होतीः॥ इति प्रभवफलं ॥ १ ॥ etc. Ends - fol. 100
माघ कार्तिक अन्न सस्ता वर्षा होई ॥ चैत्रमंदा ॥ पोषवरपे माधवरषे फागुन अनकरेण। घरघरतुरुकान होई पठान भागहि । मोगलराजकरहि. अंन का संग्रह करव। सर्व कार्यसिद्धि होई ॥६० ॥ १८५२ ॥ __ इति श्रीवाराहकृत संवत्सरफल समाप्तम् संवत् १८३१ माघकृष्ण गुरौ० लिखितं इदं पुस्तकं ॥
Then after a list of regents of the months we have
॥ॐ नमो आदेसगुरुः अरसकंकरकुर करताः डिलिमिलिराज्य करता मारक्ता सारक्ताः जो जानेह यमन प्रगट न करेः ताकेसप्तकपिलामारेकी हत्या होय ए मन्त्र भाठ वार भणीजे जल पिजे
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संवत्सरफल
Samvatsaraphala (राजावली)
(Rājāvali) No. 1152
1895-1902 Size - 101 in. by4 in. Extent - 20 leaves; 9 lives to a page ; 30 letters to a line. Description - Country paper; Devanagari characters; old in appear
ance; handwriting careless but legible; borders ruled in
double black lines ; edges extremely worn out; complete. Age -Saka 16.... Author - Not mentioned.