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Age
Author of the Text- • Prthuyaśas.
Comm. - Dāmodara.
Vedangas
tary above and below it; yellow pigment used for corrections; edges slightly worn out; red ink used for colophons ;both the text and the commentary complete.
Samvat 1882.
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Begins (Text) - fol. 1b
Begins (Comm.) - fol. 16
प्रणिपत्य रविं etc. as in No. 581 / 1895-1902.
अथ षट्पंचासका लिख्यते ॥
मणिकर्णाकृतं वा etc. as in No. 201 /A1883-84.
fol. 30 इति श्रीदैवज्ञदामोदरकृता षट्पंचाशिका संक्षेपहोरा प्रथमोध्यायः ॥ १ ॥
॥ श्रीगणेशाय नमः ॥
Ends ( Text ) - fol. 110
Ends (Comm.) - fol. 11a
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अंसकात ज्ञायते द्रव्यं द्रेष्काणैस्तस्करा स्मृता
राशिभ्य कालदिग्देशो वयो जातिश्च लग्नयात् ॥ ५६ ॥
इति श्रीभवंतिकाचार्य वराहमिहरात्मजपृथुयसोभिधानेन विरचिता ।।
वयांसिस्तेषां etc. up to लि (खि) तो दन्यथा खनवविष्णुभिः as in No. 201 / A-1882-14 followed by इति श्रीअवंतिकाचार्यदामोदरदैवज्ञकृता वराहमिहरात्मजपृथुयशोभिधानेन विरचितायां षट्पंचा शिकार्यां संपूर्ण समाप्तम् ॥
No. 1145
संवत् १८८२ वर्षे द्विश्रावणकृष्णा षष्टम्या ६ भृगुदिने लिख्यतम् सालग्रामत्रालणे ॥
Reference - See No. 201 / A1883-84.
पञ्चाशिकाटीका
Satpañcāsikātikā
355
1882-83
Size
83 in. by 43 in.
Extent -- 17 leaves; 12 lines to a page; 32 letters to a line.