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Vaidyaka
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उपरि लवण डालै बीच घुडला करिकै २१ भेलावे दो दो टूक करकै अग्नि उपरि कडछा रवै जब गरम होय तव मिलावै का टूक चिमटै संतली सेती रगडै तव तेल छुटै इसी तरां एक दो रगडै पीछै सोरा पिघलै पीछे एक एक डुकड़ा मिलावै का गेरदा जाय तव एकम एक होय तव उतारले सकत होय जायगा छुरी सेती उतारै १ मासा पानमै देणा घीव बहुत पाणा. दमा अनेक
वर्षका क्षई जाय ॥ etc. Ends.- fol. 60*
श्री प्रमेह की औ० आप की अंतरछाल सेर २ कूट अर्क काढणा वीच १ मासा चूना डाल सीघ्र घावण गजा तूर की खीचडी पटावया लामते प्रमेह जाय
श्री औ धातुपुष्ट वेतसड घड के पात अधपा पाणी मै पीस छाणना जीरा मासा २ पीस डालना चीनी पाड १ तोला डाल पीवणा गजा दही भात श्री
अष्ट
औषधिसंग्रह (२)
Ausadhisaigraha (2) No. 36
1083 (VIII)
1886-92. Size.--98 in. by 5t in. Extent. - 2 leaves ; 12 lines to a page ; 28 letters to a line. Description.-Country paper; Devanagari characters%3 hand-writ
ing legible. It begins with fol. 48 of the Ms. described under No. 222 and ends with fol. Sb. It contains several medicines in Hindi and is of the same character
as औषधिसंग्रह (१). As it had no name, I have given it one . . asdescribed above.. 'Age.- Appears to be old.
Author. - Anonymous... Begins.-- fol. 4.
__ श्रीराम । श्री औषध मल्लम मुजरद । .. ... .. मुरदासिंह तोला ऽऽधा तोला ऽऽधा ऽवी इलड़ी नीला- थोपा अमा