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2500
21
Jaina Literature and Philosophy
Incorrect
यातुर्य
पत्म्याव (म) जय
चंपलता मह
रुषि
भूयाद्विने
191
श्री सीधर (:)
श्रीजन
patrs
Report,
102, Bombay, 1881.
1474 (?)
१६६१
'लोके (:) परि°
'धन्ये' पुरे
1995
Jivavijaya
ब्रह्मविदा
जंबूसमणेणं
'धनीनाम्ना
Author .... Sari
ऋषि
(? Amaracandra )
समर (1) चंद्राख्य स्तेन
जहसुबह गरम ०
अंम (पु) दुग्गइ
goणभद्वचेतिए
आराधनापडाया
Author.
ऊसहस्स
पुक्ख खर
Correct
या तुर्या
पत्न्यावजय
चंपलता महण
ऋषि
भूयाद् दिने
192
श्री सीधर (:) श्रीजिनपति'
parts
Report, Bombay, 1881,
102.
1471
१६५९
'लोकै (:) परि°
'धन्ये' पुरे
1915
Jivavijaya
ब्रह्मविदा
जंबू !
'धनी नाम्ना
,0
! समणेणं
ऋषि
०
समरचंद्राख्यस्तेन जहब (च) ह गम्भ
दुग्ग 'पुण्णम' चेतिए
आराहणापडाया
Author of balavabodha.
(दु) सहस खरवर