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Vill] . Works and their Sections कल्पसिद्धान्त (s. VIII of Dasā ) II-183, 26; 187, 2. See कल्प
(No. I) (p. 234 ). कल्पसूत्र II-216; 29, 217, 1; 217, 2 कल्पसूत्र ( =वृहत्कल्प) II-239, 12; 257, 23. See कप्प (p. 234) कल्पसूत्रचूर्णि II-155, 6 . ... ....... कल्पाकल्प IV-108, 23-24. See कप्पाकप्प (p. 234.). कल्पाध्ययन (s. VIII of Dasa) II-155, 23. See कल्प ( No. I) (p. 234), कल्पाध्ययन ( = बहत्कल्प) II-50, 10. See कप्प (p. 234).... कल्पान्तर II-206,263 207,18:..... .. कविदर्पण IV-20, 22 कविदर्पण IV-15, 21 कात्यायनी (स्मृति)II-166, 17
कायोत्सर्गगाथा IV-152, 23 ... कालिकाचार्यकथा II-202, 15, 204, 20-21; 205, 20-21; 206, 29;
212, 21 [ कावलिय (s. VIII of Uttarajjhayana ) III-57, 26. See कपिलीय I (p. 233).
काबिलिज्ज III-67,5 काविलिय II-292, 22
. . 'काशिकृष्ण(स्न) (व्याकरण) II-166, 24 . . किरणावली II-142, 24; 143, 13, 143, 16-17; 143, 19; ISI, 24 केशिगोतम (s. XXIII of Uttarajjhayana) III-30, 19 . केसिगोअमिज्ज III-67,9 केसीगोयम III-57,300 कोडिल्लय II-292, 21 क्रियारत्नसमुच्चय III-296, 12 क्षुल्लकनिग्रन्थ (s. VI of Uttarajjhayana ) III-30, 20. See खुड्ड
निग्गन्थ ( p. 235).
।
समासमण IV-228,9 । खलुकिय (s. XXVII of Uttarajjhayana ) III-58, I
खलुङ्किज्ज III-67, 10 खुडियाविमाणपविभत्ति III-513, I0. See खुड्डियाधिमाणपविभत्ति (p. 235). खुड्डनिग्गन्थ (s. VI of Uttarajjhayana ) III-57, 25. See भुल्लकनिन
()न्थ (p. 235). इ खुड्डियाविमाणपविभत्ति II-293, Io. See खुडियाविमाणपविभत्ति (p. 235 ). ( खुडिविमाणपविभात्ति II-38,20. - 1 The author is काशकृत्स्न. For details about him and his grammar sto.see सं० व्या० इ० ( h. III, pp. 18-86). '