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Jaina Literature and Philosophy
[Appendix
आचाराङ्ग 1-42, 1; II- 53, 7; 54, 4; 59, 17; 62, 30 ( आचाराङ्ग );
295, 12; 488, 3; IV-222, 18; 223, 25. See आचार and
आयार. आचाराङ्गानिर्युक्ति IV-178, 2. See आचारनियुक्ति. आत्रेयी (स्मृति ) II-166, IS आपस्तम्बी (स्मृति ) II-166, 17 आयविसोहि II-293, 4 आयार I-147, 6; 159, 26; 160, 14; 160, 25; II-260, 26; 270, 22; __IV-227, 6. See आचार and आचाराङ्ग. आयारपकप्प II-38, 12-137 38, 14. See निशीथ. आयारपणिहि) III-98, 15 (आ)राहणप(ण्ण)ग IV-222, 22 आईकथानक II-216, 26 आवश्यक II-240, 5; 318, 20; III-116, 13; 295, 13; 295; 143
___ IV-168,1938 204,6; 260, 18. See आवश्यक अखन्ध. भावश्यकटिप्पनक 1V-263, 18 आवश्यकनियुक्ति II-133, 21-22; 315, IS; IV-78, 1; 108, 23 आवश्यकप्रत्याख्याननियुक्तिवृत्ति IV-106, 26 आवश्यकबृहद्वृत्ति III-295, II; IV-107, 20; 145, 17. See आवश्यकत्ति . आवश्यकलघुवृत्ति IV-195, 12, 197, । आवश्यकवृत्ति IV-102, 5; 103, 3; 103, 20; 104, 13, 105, 9; 140,
___24; 144, 5, 144, 20. See आवश्यकबृहद्वृत्ति. आवश्यकमुअखन्ध IV-220, 16, 226, 10 आवश्यकमत्र II-315, 5. See आवश्यक.
इच्छामि पडिकमाउं III-329, II इणु(पु)कार (s. XIV of Uttarajjayana ) III-30, 27 'इन्द्र (व्याकरण) II-166, 24 इरियावहीया ( s. of Avassaya ) III-329, । इरीयावही (s. of Avassaya) IV-211, 16 इसिमासिय II-293, 9; III-513, 8-9
1 For the non-Jaina grammar of this name etc. see सं. व्या इ. (ch. III, Pp. 57-63).