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Jaina Literature and Philosophy
[Appendix
कनकशेखर (guru of समतिशेखर ) III-123, 29 कपिल ( pupil of मरीचि ) II-142, 24 कपूरचन्द्रगणि ( pupil of कनकचन्द्रगणि ) III- 347, 13 कपूरविजयगणि (presentee) (pupil of विजयदेवमूरि) (c. Samvat 1701) ___III- 41, 19 कपूरथी ( nun ) ( presentee ) ( pupil of रङ्गश्री ) I- 181, 20 कमलावजयगणि (c. Sanvat 1686 ) III- 13, 2 कमलसुन्दर ( helper of क्षमाकल्याण ) IV-271, 13 कम्ह(ोह) (रिसि) (predecessor of पद्मचन्द्र ) II- 50, 21 कमलधीरगणि ( later than ज्ञानसागर) IV-71, 2; 72, I कमलधीरगणि (guru of विनयकलशगाणि ) (c. Samvat 1562) IV-106, 12 'कमलविवेकगणि IV- 109, 19 कमलसंयम (महोपाध्याय) ( pupil of जिनमद्रमरि of खरतर gaccha )
(c. Samvat I575) I- 19, 20 करकण्ड (प्रत्येकबुद्ध ) III- 87, I करमसी (कपि) (. Samvat 1677 ) II- 66, 26 कर्पूरभद्र ( pupil of सत्यविजय and guru of लक्ष्मीपुरन्दर ) I- 349, 10 कर्मण (ऋषि) ( contemporary of जाणक) (c. Samvat 1647)
I-60, II कल्याणकुशल ( c. Sarivat 1639 ) I- 222, 5 'कल्याणचन्द्र ( उपाध्याय ) of खरतर gaccha I- 372, 34
कल्याणचन्द्रगणि ( pupil of विवेकचन्द्रगाणि ) III- 431, 9 , कल्याणविजय (वाचक) (guru of धनविजय) (c. Samvat 1639) I- 222,43;
228, 22; II-IIS, 22 ; 117, 17 कल्याणसागर ( successor of चारित्रसागर and guru of यशासागर)
II- 106,30 कल्याणसागरगणि (c. Samvat 1721 ) II- 103, 16 *7**** ( native of Kakandi ) I- 337 ; 19. See garage. कानूजी ( guru of रतनविजय ) I-280, 21-22 कान्तिविजय ( pupil of कीर्तिविजय वाचक ) II- 203, 26
1 No details are available about him, % Is he same as one who flourished in o. Saravat 1649 (SHJL pp. 607)?