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Jaina Literature And Philosophy (Appendix मनसुप(ख) III-128, 18 मल ( *ज्यास ) ( son of गोपीदास ) (c. Sarhvat 1931 ) III-490, 2 माहिमराजगणि (pupil of सागरचन्द्रसूरि) (C. Sanvat ISL) II-435, 8 महीसागर (c. Samvat 1566 ) I-128, 4; 128, 7
. माणकचन्द ( son of आराम ) (C. Samvat 1930) I-255, 21; 256, 31 मा(मा)णकचन्द्र (ऋषि) (c. Samvat 1874) II-168, 7 माणिक्यहंस ( pupil of 'मुखहेमजीगणि ) ( c. Samvat 1864) IV-35,25 माधव (पण्डित) ( c. Sarivat II64 ) III-35, 2 माहव (जोसी ) ( son of लक्ष्मीधर ) ( c. Samvat I598 ) II-208, 14 मुक्तिसौभाग्यगणि ( c. Samvat 1873 ) IV-121, 3 मुनिदेव (pupil of मदनचन्द्र, descendant of वादी देवसूरि ) (c. Samvat
1328 ) IV-203, 15; 2102 मुनिररन ( descendant of हर्षराजसरि ) III-43, I मनिसोमणि (c. Samvat 1746) IV-183, 17 मेषचन्द ( कायस्थ ) ( son of कौलसी) (C. Samvat Isor ) III-89, 18 मेघराज ( earlier than Samvat 1836) IV-170, 15.. मेरुसुन्दर (c. Samvat 1558 ) III-90, 12 मोटिल ( पश्चोली )I-377, 24 मोहन (द्रव्यजिनलिङ्गी ) (c. Samvat 1750 ) II-76, 28 यशस्वत्सागरगणि ( c. Samvat 1721 ) II-107, 10 यश सोमगाण ( successor of जिनभक्तिसूरि ! ) II-173, 26 रणचन्दगणि ( pupil of मयाचन्दगणि) III-50, १ रतनवि(ज)य ( pupil of कानूजी ) I-280, 22 'रत्नचन्द्रगाणि ( pupil of शान्तिचन्द्र ) I-229, 17 रत्नसंयम (मुनि) (c. Samvat 1622 ) III-355, 29 रवजी (ऋषि) II-336,17 रविवर्द्धनगणि IV-97, 13-14 राजविजयगणि (c. Samvat 1911 ) III-191, 11-12 राजविन(ज)य IV-117, 28 राजशेखरगणि (c. Sarhvat I525 ) II-204, 25-26
1 I. be a scribe! . He prepared many excdlent copies (प्रथमादर्श.) of प्रमेयरममदूला..
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