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Tantra
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red pigment upto fol. sh. The work consists of two parts-first giving the list of things necessary for a religious ceremony ; second giving various medicaments and charms manufactured with different parts of an owl's body. The language is an admixture of Sanskrit and
Gujarati. Paper is old and musty. Age.-Appears to be old. Author.- Govinda. Begins.- fol. 10
श्रीगणेशाय नमः ॥ अथ उल्लूकल्प लिष्यते । श्रीफलः २१ मिश्रु गज ३ रातो धनहाथ २१ धोलो वस्त्र हाथ २१ लोग पान । इलाइचि । जायफल । जापपत्री । पिस्ता । बदाम सेर १ हारा सेर १ वाप सेर ११ चारोलि सेर १
सुपारी सेर १ मीरच से० ५ etc. Ends.--- fol. 60
उलूकसंपास्थि महिपास्थि शुकरास्थि तन्मासं कुलकुशैरावेष्टय यस्य द्वार निखने तन्मरणं ॥त्पलूतंत्र विनश्चैकमिते शुभे शुभदिवार गुरौर्मासि वै पक्ष कृत में शुभ्रे सुकविना स्वार्थ परार्थे च कर्मयत् ॥ गोविंदेन विशेषतः कलियुगे सिद्धिप्रकाशोत्कटं ॥ पदिव्यमुमुलतंत्रं मखिलं संपादिते पावणेः॥ इति श्रीउलुकतंत्रमंत्र यंत्रसर्वविधिः संपूर्णोयं विधिधिवत् ॥
कार्तिवीर्यार्जुन प्रयोगः ॥ मारणमोहनस्तंभ उच्चाटनवीकरणप्रकारः॥ Reference.- Aufrecht's Catalogus Catalogorum mentions only our
Mss. on ii, 13°; iii, I'.
Printed Edition. - Edited with Hindi - Translation by Lal Mani Sastri, Moradabad, 1925 (Second Edn.).
उलूककल्प
Ulūkakalpa
No. 51
1898-99.
Size.- 8,7 in. by s in. Extent.-3 leaves ; 12 lines to a page ; 23 letters to a line.