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Tiamera
Begins.-fol. 10
॥ श्रीगणेशाय नमः ।। सीताकांतं हृदि ध्यात्वा सोमनाथो महेशमः II etc.
same as in No. 9 Ends.--fol. 50
सर्वग्रहकरादेवी सर्वग्रहविनाशिनी। etc. same as in No.9 After the Colophon :--
ककलासनक्तमालककंकालकमरेद्रगोपशिविरक्तैः । नयति टिकायुक्तं शतत्रये हेमगमस्था॥१॥
ककलासा प्रसिद्धः। नक्तमाल एवं नक्तमालक उल्कस्तयोः कंकालाः शरीरस्थीनि पुरेंद्रगोपः कमिविशेषः बर्षाकाले मुलमा शिखी मयूरः एतयो रुधिरं च एतेरोपधैः कृता गुटिका सुवर्णमध्ये निक्षिप्ता पश्चान्मुखमध्ये निक्षिप्ता सती योजनानां सानि त्रीणी शतानि नयति ॥ श्री संवत् १७९४ चैत्र
कृष्ण १ लिखापितमिदं सवाई जयपुरे महेश्वरानंदनाथेन ; References.-- See No.9
अज्ञानध्वान्तदीपिका
Ajñā nadhyāntadīpikā
951. No. 11
_1884-87. Size.-- 8,in. by 4f in. Extent.— 48 leaves ; 10 lines to a page ; 26 letters to a line. Description.-Country paper; Devanagari characters; hand-writ
ing legible; two lines in red ink on each border; topicheadings, topic endings and colophon's tinged with red pigment; paper old and musty ; foll. 48-49 are missing. Here the 4th chapter is on दुर्गामंत्र
5th , , लक्ष्मीमंत्र But the colophons of the 6th and 7th are wanting in this Ms. also.