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151 गोपालकवच..
. ........ Gopalakavaca - No. 131
482 (iv).
1895-98. Size.-8 in. by 4, in. Extent.- fol. rod to I4* leaves; 9 lines to a page ; 20 letters to
a line. Description.- For description see गोपालहदयस्तोत्र
below. Begins.-- fol. I0b
श्रीमते निम्बाकार्य नमः ॥ श्रीपुलस्त्य उवाच॥ भगवन् सर्वधर्मज्ञ कवचं यत् प्रकाशितम् ॥
त्रैलोक्यमंगलं नाम कृपया कथय प्रभो ॥१॥ श्रीसनत्कुमारोवाच॥
श्रण वक्ष्यामि विपेंद्र कवचं परमाद्भुतं ॥
नारायणेन कथितं कृपया ब्रह्मणे पुरा ॥२॥ etc.. Ends.-fol. 14
इदं कवचमज्ञत्वा मजेयः पुरुषोत्तमम् ॥ .
शतलक्षप्रजलोपि न मंत्रः सिद्धिदायकः ॥४५॥ , इति भीसनत्कुमारसंहितायां श्रीसनत्कुमारप्रोक्तं त्रैलोक्यं मंगलं नाम
श्रीगोपालकवच संपूर्णम् ॥ References.- (I) Mss. -A - Aufrecht's Catalogus Catalogorum :
i, 161b3iii, 35. B- Descriptive Catalogues:Hpr. Notices II, 57.
गोपालरहस्यसहस्रनामस्तोत्र Gopalarahasyasahasranamastotra
52. No. 132 ... .
... .... - A 1882-83. Size.- 12 in. by 61 in. -:Excent.- 7 leaves ; 16 lines to a page ; 40 letters to a line.