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Nataka
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Description.— Country paper; Devanagari characters; hand-writing small, but clear and legible; borders ruled in double black lines; complete.
Age.— Samvat 1676 (Saka 1542 ).
Auther.— Krsnamiśra.
Begins. fol. 1b
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श्रीवरदमूर्त्तिर्विजयते ॥
॥ मध्याह्नार्कमरीचि etc. as in No. 98.
fol. ro© इति श्रीप्रबोधचन्द्रोदये नाटके प्रथमों कः ॥ १ ॥
fol. 20b इति
द्वितीयकः ॥ २
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Ends--- fol 59b
पर्जन्योस्मिन्जगति etc. up to संसाराब्धि विषयममतातंकपंकं तरंतु ॥ as in No. 98. followed by इति निष्क्रांताः सर्वे ॥ इति श्रीकृष्णमिश्रविरचिते प्रबोधचन्द्रोदयो नाम षष्ठोंकः ॥ समाप्तिमगमत् ॥
संवत् १६७६ वर्षे शके १५४२ प्रवर्त्तमानेऽभूरपुर निवासिना ज्योतिर्विद्वावालस्यात्मजेन भट्टकल्याणेन लिखितमिदं प्रबोधचन्द्रोदयाभिधानं नाटकं ॥ मासि भाद्रपदे शुक्ल प्रतिपद्गुरुवासरे।
लिखितं नाटकं चैतत्कल्याणेन द्विजन्मना ॥ १ ॥ श्रीरस्तु ॥ कल्याणं भूयात् ॥
References. - Same as in No. 98.
प्रबोधचन्द्रोदय
No. 108
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Prabodhacandrodaya
464. 1899-1915.
Size - 1o in. by 4jo in.
Extent.— 41 leaves ; II lines to a page; 35 letters to a line. Description.— Country paper; Devanagari characters; hand-writing bold, clear and legible; borders ruled in two double black lines; red pigment used for marking the portion; yellow pigment used for corrections; occasional notes in the margins; complete.
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