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100% ]
प्रबोधचन्द्रोदय
No. 100
Author.— Krsnamiśra.
Begins. fol. rb
Nataka
Size.- ro1⁄2 in. by 34 in
Extent. ror leaves ; 5-6 lines to a page ; 25 letters to a line. Description.— Country paper; Devanāgarī characters; old in appearance ; hand-writing bold, clear and legible; borders ruled in two double black lines; red pigment used; edges of folios worn out; occasional notes ; complete.
Age.- Appears to be old.
fol. 31b इति
Ends fol. roob
...
श्रीमहागणपतये नमः ॥
मध्याह्नार्कमरीचि etc., as in No. 98.
fol. 12b इति ब्रह्माद्वैतमहाकविश्री कृष्णमिश्रकृतौ प्रबोधचन्द्रोदये कामाप
यानो नाम प्रथमोंकः ॥
Prabodhacandrodaya
77.
1883-84.
123
महामोहप्रयाणो नाम द्वितीयकः ॥
पर्जन्योस्मिन्जगति etc. up to संसाराब्धि विषयममतातंकपंकं तरन्त ॥ ३० ॥ as in No. 98.
followed by इति सर्वे निःष्क्रान्ताः ॥ छ ॥ श्री ॥ इति श्रीकृष्णमिश्रविरचिते प्रबोधचन्द्रोदये षष्टोंकः ॥
भूम्याकाशरसेन्दुभिर्विगणिते श्रीविक्रमार्कप्रभोः शाके श्रावणमासि सोमादेवसे पक्षेव लक्षेतरे ॥ careofभधे तिथौ लिखितवान्श्रीविष्णुदेवात्मजो विद्वान्वि... प्रबोधसहितं चन्द्रोदयं नाटकम् ॥ १ ॥ श्री ॥ ॥ छ ॥ श्रीमहागणपतये नमः ॥ शुभमस्तु
References.- Same as in No. 98.