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Jyotien
fol. 26 इति प्रश्नतिलके चिताप्रकरणं द्वितीयं ॥
fol. 66 इति प्रश्नतिलके नष्टाधिकारो दशमः
Ends - fol. 7a
प्रश्नतिलक
No. 730
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एकविंशत्यक्ष प्रभे द्वितीयचर्गे व्यक्षरं नाम २१ इति प्रभतिलके चोरप्रकरणं संपूर्ण ॥
श्रीशके १७०४ शुभकृत्संवत्सरे ॥ ॥ माहादेवो जयति ॥ अंबा प्रसन्
मेष वृषभ मिथुन कर्क सिंह कन्या तूळ वृश्चिक धन मकर हमल सोर जोजा सरतां असद् सूंवुल मीजा अकरबू कोस जडी
चैत्र वैशाख ज्येष्ठ आषाढ श्रावण रमजान शब्बाल जिलकाज जिलदज्य मुहरम् कार्तिक मार्गशीर्ष पौष रविडसानी तमादिलवल जमादिय उसानी रज्जव
माघ
रवि चंद्र मंगल शमश कमर मिरीख
कुंभ मीन
दल हूत्
खुरशयद् महताब वहराम् दवीर अफताव् मह
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Age – Appears to be old,
बुध गुरु शुक्र अतारदर
मुस्तरी जोहरा विरजीस नाहेदर्फ
काजीअसमान होली
र्जुमा
Size
• 92 in. by 48 in.
Extent 6 leaves; 11 lines to a page; 30 letters to a line. Description
183
भाद्रपद मश्विन सफर रविलवल
फाल्गुन
शाबान
शनी
जुहल
कयवा
पहरुमा
Prasnatilaka
530
1895-1902
Country paper; Devanagari characters; old in appear. ance; handwriting bold, clear and legible; borders not ruled ; edges worn out; the first two folios torn on the left hand side; complete.