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817.]
Stotra
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अष्टोत्तरशतनामस्तव
Astottarasatanāmastava No. 816
955 (ii)
1884-87. Size.— 8 in. by 4 in. Extent.— g* to 120 leaves ; 12 lines to a page ; 24 letters to a line. Description.— For description see TUTTERIT No.
No. 955 (i). Author.--- Not mentioned. Begins.- fol. ga
अथऽष्टोत्तरशतनाम ॥ भैरव्युवाच ॥
सुखासीनं जगन्नाथं कैलाशे गिरिजैकदा । आलिंग्याह कथं चासां दत्वांगार्द्धऽथ वंचसे ॥१॥ म...नि कालिकां प्राहुर्ब्रह्माद्यात्तत्वदर्शिनः ॥
ज्ञातासन्नास कथं तस्मै केन वाथ प्रसीदति ॥ २॥ etc. Ends. -- fol. 126
परमेष्ठीपदं प्राप्य परमेशित्वमृच्छति ॥ विपुलकयुक्तश्रीकलाया च मंत्री यदि भवति सदामद्धि सिद्धिः ॥४९॥ स भवति नरदेवं एकवंद्यः सकलमुखमवाप्य मोक्षमेति ॥ ५० ॥
इति श्रीकुलाचारचंद्रोदये परमसिद्धागमे कालीरहस्ये. शिवोमासंवादे काल्पष्टोत्तरशतनामस्तवः॥
अष्टोत्तरशतनामस्तव .
Astottarasatanāmastava
955(iii) No. 817
1884-87. Size.-8 in. by 4t in. Extent.--126 to 156 leaves ; 12 lines to a page ; 24 letters to a line. Description.- For description see करुणालहरीस्तोत्र No. 110
- 1884-87.